Phalodi Satta Bazar 4 May 2024: राजस्थान लोकसभा चुनाव में इस बार 2019 के मुकाबले 5 फीसदी मतदान कम हुआ है और इसके कारण कई नेताओं पर खतरा मंडरा रहा है। कम मतदान के कारण सभी नेताओं के साथ पार्टियां भी इसको लेकर चिंता कर रही है लेकिन कांग्रेस को इसका फायदा होने की बात सामने आ रही है। लेकिन परिणाम से पहले सभी अपनी-अपनी जीत के दावों के साथ भाजपा और कांग्रेस मतदान से हुए नुकसान को अपने लिए फायदेमंद बता रहा है।
बीजेपी हाईकमान भी नाराज
पहले चरण में राजस्थान की 12 सीटों पर हुए कम मतदान से बीजेपी नेताओं की नींद उड़ी हुई है। क्योंकि उनका मतदान प्रतिशत पिछले चुनावों की तुलना में बहुत कम रहा है और इसी वजह से जीत का अंतर भी कम होने की पूरी संभावना है। अगर लोकसभा चुनावों की मतदान प्रतिशत की बात करें तो जब भी मतदान प्रतिशत बढ़ता है तो बीजेपी को इसका फायदा होता है और कम मतदान प्रतिशत में कांग्रेस को फायदा मिलता है।
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दिग्गज नेताओं की सीट पर मतदान प्रतिशत कम
बीजेपी हो या कांग्रेस सभी बड़े नेताओं ने जमकर प्रचार किया और मतदान प्रतिशत बढ़ाने का प्रयास किया। लेकिन इसके बाद भी इन नेताओं की सीटों पर मतदान प्रतिशत कम होने से सवाल खड़े हो रहे है कि इसकी वजह क्या है। विधानसभा चुनावों में तो इन सीटों पर बंपर मतदान हुआ लेकिन 4 महीने के बाद मतदान प्रतिशत कम कैसे हुआ।
दिया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा और किरोड़ी लाल के क्षेत्र में कम हुई वोटिंग
पीएम मोदी की अपील के बावजूद प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्री मतदाताओं को बूथ तक लाने में ज्यादा सफल नहीं हुए। अधिकतर मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में विधानसभा चुनाव की तुलना में लोकसभा चुनावों तक 25 फीसदी मतदान कम हो गया। दिया कुमारी, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, किरोड़ी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह खीवसर, राज्यवर्धन सिंह और मदन दिलावर के विधानसभा में कम मतदान हुआ है।
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दिल्ली भेजी गई रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव में राजस्थान के दो दर्जन से ज्यादा मंत्रियों पर अपने विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ लोकसभा सीट पर बंपर मतदान करवाने के साथ जीत दर्ज करवाने की जिम्मेदारी थी। लेकिन वोटिंग कम होने के लिहाज से मंत्रियों की परफॉर्मेंस से नाराज दिल्ली आलाकमान ने एक रिपोर्ट मंगवाई है। दिल्ली भेजी गई रिपोर्ट भविष्य में इन नेताओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।