New Teachers Transfer Policy in Rajasthan: राजस्थान में भजनलाल सरकार अब हरियाणा और ओडिशा की तरह शिक्षकों की तबादला नीति बनाने पर विचार कर रही है। उदयपुर दौरे पर आए शिक्षा विभाग के शासन सचिव ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि विभाग इस संबंध में अगस्त तक प्रस्ताव तैयार करने में लगा है। प्रस्ताव के तैयार होते ही इसे मंत्रिमंडलीय उप समिति के सामने पेश किया जाएगा। समिति की मंजूरी के बाद सरकार के स्तर पर इसे लागू किया जा सकेंगा।
5 या 7 साल में होगा तबादला
बात करें हरियाणा में 5 साल तो ओडिशा में 7 साल में ऑटो अपडेट-जनरेट प्रक्रिया के तहत शिक्षकों का तबादला हो जाता है। इसी वजह से इस तरह की पॉलिसी लागू करने पर विचार किया जा रहा है जिसके कारण राजस्थान में भी ऐसा हो सकेगा और समय-समय पर शिक्षकों का असानी से तबादला हो जाएगा।
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दिवाली से पहले किया जाएगा लागू
इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई हे और पॉलिसी से जुड़ी प्रक्रिया में 8 माह का समय लगेगा और ऐसे में संभावना है की अगले ग्रीष्मावकाश या दिवाली के दौरान शिक्षकों को तबादला नीति की सौगात दी जा सकती है। भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने तबादला नीति लाने के लिए हर बार प्रयास किए है लेकिन कई कारणों के चलते प्रकिया अटक गई है। इसी वजह से सभी बातों का ध्यान रखते हुए इसको तैयार किया जा रहा है।
तबादलों में राजनीति
मौजूदा समय में राजनेताओं की डिजायर पर शिक्षकों के तबादले हो रहे है और इसके कारण कई बार विवाद देखने को मिल रहे हैं। अगर पॉलिसी बनी तो डिजायर का महत्व खत्म हो जाएगा और इसी वजह से इसका कोई उचित समाधान नहीं निकला। क्योंकि विधायक पहले इसी प्रकार की नीति का विरोध कर चुके है।
शिक्षक संतुष्ट होंगे
इस पॉलिसी के मापदंड को लेकर किसी प्रकार की जानकारी नहीं है और इस नीति से किस वर्ग के शिक्षकों को राहत मिलेगी। लेकिन दावा किया है कि नई पॉलिसी के तहत होने वाले तबादल नीति में पारदर्शिता रहेगी और ज्यादा से ज्यादा शिक्षक संतुष्ट होंगे। इस पॉलिसी से ट्रांसफर होने की प्रकिया को शिक्षकों के लिए बड़ी राहत बताया जा रहा है।
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नीति बनाने का प्रयास
अब तक राजस्थान में 3 सरकारें तबादला नीति बनाने का दावा कर चुकी है लेकिन सफलता कभी भी सरकार को नहीं मिली। वसुंधरा सरकार ने साल 2007-08 में पहली बार ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर कमेटी बनाई और इसके बाद पॉलिसी को लेकर सरकारे आती जाती रही लेकिन सफलता किसी भी सरकार को नहीं मिली। भजनलाल सरकार ने यह योजना बनाई है तो इस बार इसे लागू किया जा सकता है।