Rashtriya Grameen Aajeevika Mission : हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है जहां पर 70 से 80% तक आबादी गांवों में निवास करती है। गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए भारत सरकार समय-समय पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लाती रहती है। इन्ही योजना मे से एक है राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना (Rashtriya Grameen Aajeevika Mission) जो कि भारत सरकार की अहम योजना है। इसी योजना को बाद में दीनदयाल अंत्योदय योजना (National Rural Livelihood Mission) के नाम से भी जाना गया। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा इस मिशन का क्रियान्वयन किया जाता है। इस कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए विश्व बैंक द्वारा वित्तीय सहायता दी जाती है। आइए इस योजना के बारे में जान लेते हैं।
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राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन क्या है?
(National Rural Livelihood Mission)
Rashtriya Grameen Aajeevika मिशन का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे ग्रामीण परिवारों को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाकर उनकी आजीविका में निरंतर वद्धि करना है। आजीविका मिशन की मदद से गरीबों के लिए टिकाऊ आजीविका को बढ़ावा देना प्रमुख लक्ष्य है ताकि वे गरीबी से बाहर आ सकें। इसके लिए भारत सरकार के साथ ही राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) भी लगातार प्रयासरत है।
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Aajeevika मिशन काम कैसे करता है ?
आजीविका मिशन की कार्यान्वयन जिम्मेदारी राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ निहित है। जिला स्तर पर, जिला प्रशासन के समग्र नियंत्रण में एक जिला मिशन प्रबंधन इकाई (डीएमएमयू) योजना और कार्यान्वयन के लिए ज़िम्मेदार है, वही ब्लॉक स्तर पर, ब्लॉक मिशन प्रबंधन इकाई मिशन गतिविधियों को लागू करती है। आजीविका मिशन (Rashtriya Grameen Aajeevika Mission) को चरणबद्ध और गहन तरीके से लागू किया जाता है, प्रत्येक वर्ष में कुछ निश्चित ब्लॉक लेते हैं। मिशन से 2024 के अंत तक सभी ग्रामीण गरीब परिवारों के संगठित होने की उम्मीद है।
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आजीविका मिशन से क्या होगा ?
आजीविका मिशन (Rashtriya Grameen Aajeevika Mission) भारत के 600 जिलों, 6000 खंडों, 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और 6 लाख गांवों के लगभग 7 करोड़ ग्रामीण BPL परिवारों को इस योजना के दायरे में लाने का प्रयास कर रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की समस्या के वजह से लोग शहरी क्षेत्र में पलायन करते हैं, इस समस्या से निपटने के लिए आजीविका मिशन द्वारा चरणबद्ध तरीके से लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जा रहा है। इससे आने वाले समय में देहाती लोगों में बेरोजगारी कम हो सकेगी तथा गरीबी का स्तर भी कम होगा।