टोल टैक्स का भुगतान फास्ट टैग के जरिए कराना सरकार का फैसला सही साबित होता नजर आया। इस साल फास्टटैग से सरकार को करोड़ो की कमाई हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल हुई कमाई में बढ़ोतरी देखी गई है। अगर हम पिछले साल 2021 से 2022 के बीच फास्टैग की कमाई देखे तो यह पिछले साल 34,778 करोड़ रुपए थी जो इस साल 50,855 करोड़ रुपए हो गई है। ऐसे में फास्टटैग अर्निंग में 46 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
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2023 के बीते 6 महीनों में ही 19 जून तक सरकार को फास्टटैग से 28,180 करोड़ रुपए की कमाई हो चुकी है। 2021 में फास्टटैग को कंपलसरी किया गया था। उसके बाद से कलेक्शन में ग्रोथ हुई है। इसी के साथ अगर बीते 5 साल का आंकड़ा देखें तो 2017 से 2022 के बीच फास्टटैग कलेक्शन दोगुने से ज्यादा बढ़ गया है। पूरे देश में 964 से ज्यादा टोल प्लाजा पर फास्टटैग सिस्टम है।
एमपी पहले नंबर पर
भारत में सबसे ज्यादा टोल प्लाजा मध्य प्रदेश में है। एमपी में 143 टोल प्लाजा है जिन पर फास्टटैग के जरिए टोल वसूला जा रहा है। वहीं इस मामले में उत्तरप्रदेश दूसरे स्थान पर है। यूपी में कुल 114 टोल प्लाजा है जिन पर यह सिस्टम लागू है। पूरे देश में 964 से ज्यादा टोल प्लाजा पर फास्टटैग सिस्टम है।