New Education Policy Role: सार्वजनिक जीवन में हमें अक्सर जब भी कोई समस्या सामने आती है तो यही कहते हुए सुना जाता है कि यहां का तो सिस्टम ही खराब है। आखिर यह सिस्टम क्या चीज़ है। दरअसल बोलचाल की भाषा में प्रशासनिक व्यवस्था को ही सिस्टम कहा जाता है। यानी सरल भाषा में कहे तो सरकार के काम करने का जो तरीका होता है उसे सिस्टम कहा जाता है।
नई शिक्षा नीति की भूमिका
फिर बात आती है नंबर दो सिस्टम की जो कि हमारी एजुकेशन पॉलिसी यानी शिक्षा नीति है। यानी बच्चों को पढ़ाने लिखाने का जो तरीका सदियों से चला आ रहा है उसे हम एजुकेशन सिस्टम या शैक्षणिक पद्धति कहते हैं। शिक्षा केवल शिक्षित ही नहीं करती, अपितु राष्ट्र का निर्माण भी करती है। वह ऐसे चरित्र का निर्माण करती है,जो जीवन मूल्यों पर टिका हो, देश को समर्पित हो और मानवता एवं वैश्विक सोच से परिपूर्ण हो।
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नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020
इतिहास गवाह है कि लार्ड मैकाले ने हमें हीनभावना से ग्रसित कर पश्चिम सभ्यता को उच्चतर बताने का काम किया, देश की शिक्षा एवं संस्कृति का मूल ढांचा ही बदल दिया और ऐसे भारतीयों को तैयार किया, जो सोच-समझ, मूल्यों एवं विचारों से विदेशी, परंतु रंग-रूप में स्थानीय हों।
लेकिन अब ज़माना बदल चुका है। यह अमृतकाल का नया भारत है जो अपने हिसाब से नई शिक्षा नीति बनाना भी जानता है और उसे लागू करना भी जानता है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 – नई शिक्षा नीति भी समय की मांग और जरूरत के हिसाब से देश की शिक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाये रखने के लिए लाई गयी है। इस नीति के अनुसार भारत में 6 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है।
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