केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में पिछले दिनों से सोने का पीतल में बदलना चर्चा का विषय बना हुआ है। अब इस मामले में 125 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है जो कि आरोपों की जांच करेगी। राज्य के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को लेकर बेहद संवेदनशील है। इसके लिए जो कमेटी बनाई है वो मामले की तह तक जाकर जांच करेगी। साथ ही कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ये होंगे कमेटी के सदस्य
मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने में हुए घोटाले को लेकर हाई लेवल कमेटी बनाई है। इस कमेटी में संस्कृति एवं धार्मिक मामलों के सचिव हरिचंद्र सेमवाल, गढ़वाल कमिश्नर अध्यक्ष बनाए गए हैं। इस कमेटी में विशेषज्ञों के साथ स्वर्णकार भी होंगे। सतपाल का कहना है कि BKTS अधिनियम, 1939 के प्रावधानों के अनुसार ही दान लिया गया था। मंदिर में सोना चढ़ाने का काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की देखरेख में ही किया गया था।
मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि विपक्षी दल इस मामले को लेकर जबरन तूल पकड़ रहे हैं। काम पूरा होने के बाद सारे कागजात और बिल दानदाता ने मंदिर समिति के पास जमा कर दिए हैं। बता दें कि केदारनाथ मंदिर में सोने की परत पर जड़ित प्लेटों पर सवाल खड़े करते हुए मंदिर के पुजारी संतोष त्रिवेदी ने कहा कि मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने के नाम पर सवा अरब रुपए का घोटाला हुआ है।
इस विवाद के बीच मंदिर प्रबंधन की ओर से सफाई दी थी। मंदिर प्रबंधन की ओर से इस मामले में प्रेस रिलीज जारी किया गया था। इसमें लिखा था कि 2022 में एक दानदाता के सौजन्य से मंदिर के गर्भगृह के दीवारों एवं जलेरी को स्वर्णमंडित करवाने का काम किया गया था लेकिन कुछ लोग भ्रामक बातों के साथ जनमानस की भावनाओं को आहत करने का प्रयास कर रहे हैं।