जयपुर। 16 May National Dengue Day : डेंगू मच्छर द्वारा फैलाई जाने एक ऐसी बीमारी है जिसका खौफ पूरी दुनिया में छाया रहता है और हर साल लाखों लोग शिकार होते हैं तो हजारों की मौतें हो जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक पूरी दुनिया में साल 2023 में डेंगू के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए और इसी साल डेंगू के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। पिछले साल डेंगू से जुड़े 6.5 मिलियन से ज़्यादा मामले सामने आए और 7,300 से ज़्यादा मौतें हुईं।
राजस्थान में डेंगू से 2 साल में 106 मौतें (Deaths from Dengue)
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में नवंबर 2023 तक डेंगू से 6 लोगों की मौत हो चुकी थी। इनमें से इनमें से 2 मौतें जयपुर में हुई। सितंबर 2023 तक जयपुर में डेंगू के 680 मरीज़ मिले। राजस्थान में जयपुर ही डेंगू से सबसे ज्यादा ग्रसित जिला रहा। वहीं, कोटा और जयपुर में सामूहिक रूप से राज्य में डेंगू के 39% से ज़्यादा केस सामने आए। अकेले राजस्थान में 2 साल में डेंगू से 106 मौतें मौतें हुईं जबकि 2023 में डेंगू के 446 मामले सामने आए। इससे पहले 2021 में राज्य में 96 मौतें हुईं जो भारत में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे सबसे अधिक थीं।
राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2024 थीम (National Dengue Day 2024 Theme)
इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम “डेंगू रोकथाम: सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी” है। हालांकि, इससे पहले हमें यह जानने की जरूरत है कि यह बीमारी कैसे और क्यों आम लोगों के मन में डर पैदा करती है और इससें बचने के लिए क्या उपाय बेहतर उपाय किए जाएं।
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डेंगू क्या है? (What is Dengue)
डेंगू (डेन-जी) एक वेक्टर जनित वायरल बीमारी है जो एडीज प्रजाति (एडीज एजिप्टी) की संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलती है। यह एक गंभीर फ्लू जैसी बीमारी है जो आमतौर पर मच्छर के काटने के 5-6 दिन बाद विकसित होती है। यह तेजी से फैलने वाली बीमारी के रूप में उभर रही है और लद्दाख को छोड़कर पूरे देश से इसकी सूचना है। भारत में 2023 में डेंगू के लगभग 94000 मामले सामने आए।
डेंगू कैसे फैलता है? (How Dengue Transmit)
एडीज प्रजाति की मादा मच्छर आमतौर पर तब संक्रमित होती है जब वह बीमारी के तीव्र बुखार (विरेमिया) चरण के दौरान किसी संक्रमित व्यक्ति के रक्त को पीती है। जब व्यक्ति का रक्त वायरस से भर जाता है। इसके बाद मच्छर 8 से 10 दिनों के बाद संक्रमित होता है। यह वायरस तब फैलता है जब संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है और अपनी लार दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में डाल देता है। इस प्रकार डेंगू चक्र के रूप में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता रहता है।
डेंगू बुखार के लक्षण और संकेत (Dengue Fever Symptoms and Signs)
— बहुत तेज बुखार की शुरुआत होती है जो अचानक से 104 फॉरेनहाइट तक पहुंच सकती है।
— आंखों के पीछे दर्द के साथ गंभीर सिरदर्द और आंखों को हिलाने में कठिनाई होती है।
— पूरे शरीर में मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होता है, जिसें ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहा जाता है।
— बुखार के साथ-साथ मतली और उल्टी होती है और भूख कम लगती है।
— छाती और ऊपरी बांहों पर दर्द और खसरे जैसे दाने दिखाई देते हैं।
— शरीर पर चकत्ते पड़ने के साथ नाक और मुंह से खून आना।
— रोगी को अत्यधिक थकान और बेचैनी महसूस होती है।
— रोगी को अत्यधिक सूखापन और प्यास लगती है।
— साँस तेज हो जाती है, नाड़ी तेज़ और कमज़ोर हो जाती है।
डेंगू बुखार का निदान और उपचार (Dengue Diagnosis and Treatment)
— डेंगू बुखार का निदान केवल ब्लड टेस्ट से ही किया जा सकता है।
— डेंगू बुखार के उपचार के दिनों में लक्षणों का प्रबंधन शामिल होता है क्योंकि इस वायरस के लिए कोई विशिष्ट दवा या इलाज नहीं है। घर पर, यदि मामला गंभीर नहीं हुआ है, तो डॉक्टर एसिटामिनोफेन के साथ दर्द का इलाज करने, खूब पानी और तरल पदार्थों का सेवन करने और पूर्ण आराम करने की सलाह देंगे।
— बुखार या सिरदर्द के लिए पैरासिटामोल की गोलियां भी ली जा सकती हैं। खान-पान को लेकर भी सावधान रहने की जरूरत होती है। सलाद जैसे कच्चे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए और पोहा, इडली और दलिया जैसे ऊर्जा देने वाले, आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करना चाहिए।
— गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होना महत्वपूर्ण है क्योंकि ऑक्सीजन थेरेपी, रक्त और प्लेटलेट्स ट्रांसफ्यूजन, पुनर्जलीकरण के लिए अंतःशिरा तरल पदार्थ और रक्तचाप की निरंतर निगरानी जैसे उपचार डॉक्टर की निगरानी में किए जाने की आवश्यकता होती है। यहां, केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा पेश किया गया एक व्यापक स्वास्थ्य कवरेज आपको अस्पताल में रहने के दौरान बड़ी वित्तीय राहत देगा क्योंकि रोगी के अस्पताल में भर्ती होने और आईसीयू शुल्क को कवर किया जाएगा और उपचार में देरी नहीं होगी।
डेंगू से कैसे बचें? (How to Prevent Dengue)
डेंगू के प्रकोप की रोकथाम प्रमुख रूप से वेक्टर नियंत्रण द्वारा की जा सकती है। इसकी रोकथाम के लिए मच्छरों के प्रजनन नियंत्रण करना जरूरी है जैसे—
मच्छर प्रजनन स्थल का उन्मूलन
रुके हुए पानी में मच्छर पनपते हैं। ऐसे में खाली फूलों के गमलों, फेंके गए डिब्बों, टायरों और नालों में जमा अवांछित पानी को अपने आसपास से जांचें और साफ़ करें।
घर और आस-पास की नियमित जांच
यह गतिविधि ऐसे प्रजनन स्थलों के आगे विकास को रोकती है और इसे व्यक्तिगत रूप से, आपके निर्माण संघों द्वारा या आपके समुदाय द्वारा नियमित रूप से किया जा सकता है।
मच्छरदानी और पैच का उपयोग करें
जब भी संभव हो मच्छरदानी और क्रीम के साथ सिक्योर कपड़े पहनें। यदि आप खुली नालियों और कूड़े के ढेर वाले क्षेत्रों में रहते हैं, तो दिन हो या रात, नियमित रूप से मच्छरदानी का उपयोग करें।
मच्छरों की कब अधिक एक्टिव होते है
डेंगू फैलाने वाले मच्छर आमतौर पर सुबह जल्दी और देर दोपहर में एक्टिव होते हैं। इस दौरान बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें या अगर बाहर निकलना भी पड़े तो पूरी सावधानी बरतें।
मच्छरों से बचाव करने वाले पौधे
मच्छरों से बचने के लिए अपने घर पर और आसपास के क्षेत्रों में पेपरमिंट, यूकेलिप्टस और लेमनग्रास जैसे पौधे उगाएं।
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