Bahubali Movie Song Dhivara Prasar Shaurya Bhara Meaning: प्रख्यात डायरेक्टर एस. एस. राजामौली की फिल्म बाहुबली न केवल अपनी अद्भुत स्टोरीटेलिंग टेक्नीक के चलते पापुलर हुई वरन इसके गाने भी इतने ही ज्यादा पसंद किए गए। बाहुबली के फर्स्ट पार्ट का गाना ‘धीवर प्रसार शौर्य भरा:….’ भी बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इस गाने में संस्कृत के श्लोकों को आम बोलचाल की भाषा के शब्दों के साथ इतने अच्छे से पिरोया गया था कि आदमी सुनते हुए मंत्रमुग्ध हो उठता है। साथ ही इसका पिक्चराईजेशन भी उतना ही जबरदस्त था। लेकिन क्या आप इस श्लोक का पूरा अर्थ जानते हैं।
क्यों खास है ‘धीवरा प्रसार शौर्य भरा: उतसारा स्थिरा घम्भीरा:….’
फिल्म में यह गाना तब होता है जब शिवा (प्रभास) अपने सपनों की नायिका अवंतिका (तमन्ना भाटिया) से मिलने के लिए विशाल जलपर्वत पर चढ़ता है। उस समय वह अपनी पूरी ताकत, बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए जोश-जोश में उस जलपर्वत पर चढ़ जाता है। इस दौरान बैकग्राउंड में चल रहे गाने में यह श्लोक आता है। यह श्लोक महावीर रामभक्त हनुमान जी की स्तुति करते हुए लिखा गया है।
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क्या अर्थ है इस श्लोक का
फिल्म बाहुबली के गाने में जो श्लोक बोला गया है, वह इस प्रकार है
धीवर प्रसार शौर्य भरा: उतसारा स्थिरा घम्भीरा:
उग्रामा असामा शौर्या भावा: रौद्रमा नवा भीतिर्मा:।
अर्थात् महावीर, दृढ़निश्चयी अपनी वीरता के दम पर आगे बढ़ रहे हैं, वह ऊंची और बड़ी छलांगे लगाते हुए दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। वह मजबूत हैं और उनके लड़ने की क्षमता बेजोड़ है। उनका क्रोध ही शत्रुओं में भय की लहर पैदा कर देता है।
यह श्लोक फिल्म में चल रहे गाने को ध्यान में रखते हुए ही लिरिक्स में जोड़ा गया है। जिस तरह हनुमानजी विशाल समुद्र लांघ कर आगे बढ़ते हैं और रास्ते में आने वाली समस्त बाधाओं को बिना प्रयास ही समाप्त कर देते हैं, उसी प्रकार प्रभास भी विशाल जलपर्वत की असंभव सी लगने वाली चढ़ाई पर सहज ही चढ़ जाता है। गाने का पूरा वीडियो आप यहां पर देख सकते हैं।
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एमी ने बताया वाल्मिकी रामायण का नहीं है यह श्लोक
इन दिनों सोशल मीडिया पर कई पोस्ट लगातार वायरल हो रही है कि यह श्लोक वाल्मिकी रामायण से लिया गया है। एमी गनात्रा के अनुसार यह श्लोक वाल्मिकी रामायण में नहीं है वरन् अन्यत्र कहीं से लिया गया है। यद्यपि इस संबंध में कोई भी स्पष्ट साक्ष्य भी सोशल मीडिया पर नहीं मिलता है। लेकिन कुल मिलाकर यह श्लोक म्यूजिक के साथ सुनने में जितना मधुर लगता है, उतना ही जोश का भी संचार करता है।