हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक का मर्जर 1 जुलाई 2023 को होने जा रहा है। यह भारत के इतिहास में सबसे बड़ा मर्जर माना जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए HDFC के चेयरमैन दीपक पारिख ने कहा कि 30 जून को मार्केट बंद होने के बाद दोनों कंपनियों के बोर्ड की अलग-अलग मीटिंग होगी। HDFC बैंक और HDFC के मर्जर होने से कंपनी मार्केट कैप में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। सरकारी बैंकों और न्यू-एज फिनटेक कंपनियों से बढ़ते कॉम्पिटीशन को देखते हुए इनके मर्जर की जरूरत महसूस की गई।
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HDFC और HDFC बैंक ने 4 अप्रैल 2022 को मर्जर की घोषणा की थी। अब 1 जुलाई 2023 से यह इफेक्टिव होगा। HDFC के वाइस चेयरमैन और CEO केकी मिस्त्री ने बताया कि HDFC के शेयर 13 जुलाई से डीलिस्ट कर दिए जाएंगे। 13 जुलाई के बाद से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के शेयर स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे। संयुक्त कंपनी के शेयर 17 जुलाई से ट्रेड होंगे। इस मर्जर के जरिए HDFC को HDFC बैंक में 41% हिस्सेदारी मिलेगी।
कितने मिलेंगे शेयर
HDFC लिमिटेड और HDFC बैंक के मर्जर होने की खबर से निवेशकों में कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनके शेयर किस प्रकार दिए जाएंगे। तो बता दें कि विलय के तहत निवेशकों को HDFC के 25 शेयर्स के बदले HDFC बैंक के 42 शेयर्स दिए जाएंगे। यानी अगर आपके पास HDFC लिमिटेड के 10 शेयर हैं तो मर्जर के तहत आपको 17 शेयर मिलेंगे।