भारत में स्टार्टअप का फ्यूचर बहुत ही शानदार रहने वाला है। आने वाले सालों में कई सारे स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन जाएंगे। अगर भारत में ऐसे स्टार्टअप देखें तो इनकी संख्या 51 है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अगले 3 सालों में इनका मार्केट वैल्यूएशन 500 मिलियन डॉलर से 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
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ये सभी स्टार्टअप इंडस्ट्री में इनोवेशन और ग्रोथ की तरफ ध्यान दे रही है। फिनटेक सेक्टर 11 स्टार्टप्स यूनिकॉर्न बनने के साथ ही यूनिकॉर्न बनने के मामले में सबसे आगे है। इनके अलावा SaaS सेक्टर से छह हैं. ई-कॉमर्स और एग्रीटेक सेक्टर में चार-चार ऐसे स्टार्टअप्स हैं। इनके साथ ही एथर एनर्जी, एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) स्टार्ट-अप, जेप्टो, कमर्शियल स्टार्ट-अप, एक एडटेक स्टार्ट-अप और लीप स्कॉलर शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन 51 स्टार्टप्स ने 9.6 अरब डॉलर का फंड जुटाया है।
क्या है यूनिकॉर्न
यूनिकॉर्न का मतलब है कंपनी का मार्केट वैल्यूएशन पाना। अगर कोई कंपनी 1 अरब डॉलर का मार्केट वैल्यूएशन अचीव कर लेती है तो उस कंपनी को यूनिकॉर्न तब माना जाता है। स्टार्ट-अप की इन कैटेगरी को गजेल्स के नाम से जाना जाता है।