अजमेर। अजमेर 92 फिल्म पर रोक लगाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। फिल्म पर रोक लगाने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई हैं। यह याचिका हाईकोर्ट में अंजुमन मोइनिया, फखरिया चिश्तया खुद्दाम ख्वाजा साहब, दरगाह शरीफ की और से दायर की गई हैं। फिल्म पर रोक को लेकर दायर की गई इस याचिका पर हाईकोर्ट जल्द ही सुनवाई करेगा।
साल 1992 यह वह साल है जब अजमेर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था। 1992 का वह साल अजमेर के लिए एक काला अध्याय बन गया। एक ऐसी घटना हुई जिसने लोगों की रूहें कंपा दी। यह वो खौफनाक मंजर था जहा एक के बाद एक लड़कियों की लाशे लटकी हुई नजर आई। अजमेर 92 फिल्म में इसी काले अध्याय की कहानी को दर्शाया गया हैं।
पूर्व जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की मांग
अधिवक्ता अजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया की फिल्म के ट्रेलर में अजमेर दरगाह को दर्शाया गया हैं। अधिवक्ता अजय सिंह ने कहा फिल्म चिश्ती समुदाय के आस-पास ही घुम रही है, जबकी इस मामले में 2 आरोपियों के सरनेम ही चिश्ती हैं। अधिवक्ता अजय सिंह ने कहा फिल्म का प्रदर्शन ओटीटी पर रोका जाए। याचिका में फिल्म पर रोक लगाने के लिए पूर्व जज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करने की मांग की गई हैं।
पूर्व जज की अध्यक्षता में गठीत कमेटी में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड, याचिकाकर्ता और अधिवक्ता को शामिल करने की मांग की गई हैं। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाए की फिल्म में दरगाह शरीफ के साथ कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं दिखाई गई हो। दरगाह की रस्मों को गलत रूप से दिखाया गया हैं। कमेटी सात दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने रखें।
फोटो ब्लैकमेल कांड पर बनी फिल्म
अजमेर के बहुचर्चित फोटो ब्लैकमेल कांड पर बनी फिल्म अजमेर 92 आगामी 25 जुलाई को रिलीज होगी, लेकिन फिल्म को लेकर बहस जारी है। फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है। आरोप है की फिल्म के जरिए अल्पसंख्यक वर्ग के खिलाफ नफरत पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।