प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता का मुद्दा जैसे ही देश के सामने रखा उस पर सियासी बवाल शुरु हो गया है। विपक्षी पार्टियां बयानबाजी करने लगी है। कुछ राजनीतिक दल इसका समर्थन कर रहे है तो कुछ इसका विरोध कर रहे हैं। खासकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसका जमकर विरोध किया है। वहीं खबर मिल रही है अब कांग्रेस ने भी यूसीसी का समर्थन किया है। हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि समान नागरिक संहिता का हम पूर्ण समर्थन करते हैं।
भाजपा यूसीसी के नाम पर राजनीति नहीं करे
आम आदमी पार्टी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बाद अब कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है। कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता और हिमाचल प्रदेश की सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने यूसीसी के समर्थन में फेसबुक पर पोस्ट की है। उन्होनें लिखा "नौ साल से देश में एनडीए की पूर्ण बहुमत की सरकार है। इस कानून को लागू करने से कौन रोक रहा है? आज चुनाव से कुछ महीने पहले इसका प्रोपेगेंडा क्यों हो रहा है? जय श्री राम " इसके साथ ही उन्होनें भाजपा को इस मामले पर प्रोपेगेंडा नहीं करने की भी नसीहत दी। कहा कि यूसीसी का हम पूर्ण समर्थन करते हैं, जो कि भारत की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है। लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताई आपत्ति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जून को भोपाल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे एक घर दो कानूनों से नहीं चल पाएगा, ठीक उसी तरह से एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं। उन्होनें कहा कि यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़ाकाया जा रहा है। पीएम मोदी की इसी टिप्पणी पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आपत्ति जताई है। मुस्लिम बोर्ड का कहना है कि, पूरे देश के लिए एक समान कानून बनाना संविधान के खिलाफ है। सभी को अपने धर्म और संस्कृति का पालन करने का अधिकार है।