मणिपुर में हिंसा ने इतना भयानक रूप ले लिया है कि तमाम कोशिशों के बाद भी हालातों पर काबू नहीं पाया जा रहा। उपद्रवियों ने नेताओं के घर तक नहीं छोड़े। सड़कों पर आने-जाने वाले वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इन सारी घटनाओं के बीच मणिपुर सीएम ने इस्तीफे की बात कर दी। हालांकि उन्होनें जनता के दबाव से अपना फैसला वापस ले लिया है। सीएम एन बीरेन सिंह का कहना है कि उन्होनें पीएम और गृहमंत्री के पुतले जलाने से दुखी होकर यह निर्णय लिया था।
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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने 30 जून को इस्तीफा देने की सोची। इसके लिए वे राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलने वाले थे। लेकिन उन्होनें अचानक फैसला बदल लिया। बीरेन सिंह के इस्तीफा देने वाले फैसले को जैसे ही मणिपुर की जनता ने सुना, उन्होनें विरोध करना शुरु कर दिया। सैकड़ों महिलाएं प्रदर्शन करने लगीं। उनका कहना था कि सीएम बीरेन सिंह को इस्तीफा देने के बजाय हिंसा फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल दिया।
ट्विटर पर कहा इस मोड़ पर पीछे नहीं हटूंगा
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अपना फैसला वापस लेते हुए कहा कि लोगों के बर्ताव से दुखी होकर ऐसा सोचा था। उन्होनें ट्विटर पर लिखा- इस मोड़ पर तो मैं इस्तीफा नहीं देने वाला हूं। वहीं एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में बोले कि इस हिंसक प्रदर्शन में लोगों ने पीएम के पुतले जलाए। भाजपा के ऑफिस पर हमला किया। पीएम ने क्या किया था ? मेरे पुतले जलाते तो कोई बात नहीं थी। इस बात से मैं आहत हूं। साथ ही उन्होनें यह भी कहा कि इस हिंसा में पड़ोसी देश का हाथ होने की पुष्टि कर पाना मुश्किल है लेकिन यह हिंसा प्री-प्लांड लगती है।