जयपुर। राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भले ही भ्रष्टाचार और सरकारी कार्यों में हो रही अनियमितता रोकने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग उनकी कोशिशों को विफल कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला झालावाड़ के झालरापाटन से सामने आया है जहां एक सरकारी भवन में सामान्य आदमी ठहरा हुआ है। सबसे बड़ी बात, यहां मौजूद अधिकारियों को इस बारे में सब कुछ मालूम होते हुए भी वे इस पर कुछ बोलने या करने से बच रहे हैं।
रिपोर्टर हरिमोहन चोडावत ने बताया कि पंचायत समिति झालरापाटन में एक सरकारी आवास एक कर्मचारी के नाम अलॉट किया गया है। यह आवास विकास अधिकारी के आवास के ठीक नीचे है परन्तु यहां पर सरकारी स्टाफ की जगह पर कोई अन्य व्यक्ति ही निवास कर रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार इस भवन का किराया भी जमा नहीं करवाया गया जिससे सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। इस संबंध में पंचायत समिति झालरापाटन के विकास अधिकारी भी आजकल काफी चर्चा में आ चुके हैं और ईमानदार कर्मचारी को हटाने की मुहिम छेड़े हुए हैं ताकि गुर्गों के माध्यम से सरकारी धन व जनहित की योजनाएं की राशि पर हाथ साफ किया जा सकें।
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भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपियों की हुई पेंशन, अभी भी जारी है फर्जी पट्टे बनाने का काम
इसी तरह के एक अन्य मामला भी सामने आया है जिसमें जांच में दोषी पाए जाने का प्रकरण संख्या 18/2015 ए सी बी दर्ज होकर विगत तीन सालों से कारवाई के लिए स्वायत्त शासन विभाग में विगत तीन सालों से धूल खा रही है। इस प्रकरण में नगर पालिका के बारह कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया है जिसमें दो तहसीलदार, एक जनप्रतिनिधि, तीन-चार ईओ, पूर्व ईओ को भी दोषी माना गया है। इनमें से अधिकांश आरोपियों की पेंशन हो चुकी है, तथा एकमात्र भूमि शाखा का कर्मचारी बचा है जो अभी भी फर्जी पट्टे बनाने से लेकर सभी कार्य कर रहा है।
रिपोर्टर हरिमोहन चोड़ावत
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