Gig Workers Kanoon : इन दिनों एक शब्द काफी चर्चा में है गिग वर्कर। सुनने में बड़ा ही अजीब शब्द है लेकिन आम शहरी से लेकर स्टूडेंट और बेरोजगार तबका इससे अच्छी तरह वाकिफ है। साधारण भाषा में कहें तो ऑनलाइन कंपनियों के साथ ठेके या असंगठित रूप से जुड़े काम करने वाले टेंपरेरी कर्मचारी ही गिग वर्कर्स (Gig Workers Kya Hai) कहलाते हैं। मतलब जो लोग ओला उबर जोमैटो स्विगी अमेजॉन फ्लिपकार्ट मिंथ्रा जैसी ऐप आधारित आनलाईन कंपनियों में डिलीवरी बॉय का काम करते हैं। हिंदी में अनुवाद करें तो गिग का मतलब गैर स्थाई कर्मचारी है। इन कर्मचारियों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान में ऐसे कर्मचारियों के लिए देश का पहला गिग वर्कर कानून (Gig Workers Kanoon) पिछले साल ही लागू हो चुका है। राजस्थान प्लेटफॉर्म बेस्ड गिग वर्कर्स बिल देश का पहला ऐसा बिल है जो गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देने का प्रयास करता है।
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गिग वर्कर क्या होता है (Gig Workers Kya Hai)
अब सवाल उठता है कि आखिर इस क्षेत्र की गणित क्या है जिसके लिए कानून बनाने की जरूरत आन पड़ी। ऑनलाइन टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के कारण आजकल हर काम मोबाइल ऐप के जरिए हो रहे हैं। ऐसे में जाहिर सी बात है कि ऑनलाइन काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। लेकिन ऐसे असंगठित ऑनलाइन कर्मचारियों के लिए अब तक श्रम मंत्रालय के नियम कायदे काम नहीं करते थे। क्योंकि ऑनलाइन कर्मचारियों की भर्ती और बाकी प्रक्रियाओं के लिए कोई सरकारी नियम नहीं बने हुए थे। ऐसे में इन कर्मचारियों का लगातार सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों द्वारा शोषण किया जा रहा था। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi Gig workers Act Rajasthan) ने ऐसे कर्मचारियों से मुलाकात करके इनकी समस्याएं सुनी और फिर उससे राजस्थान में लागू करवाने के लिए प्रयास किया तब जाकर देश दुनिया को पता चला कर गिग वर्कर्स नाम की भी श्रमिकों कर्मचारियों की एक नई व्यवस्था है जिस पर सबको ध्यान देना चाहिए।
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डिलीवरी बॉय के लिए बन चुका है कानून (Rajasthan Platform Based Gig Workers)
कई बार आपने भी न्यूज़ में भी देखा होगा के फूड एग्रीगेटर कंपनियां जैसे जोमैटो स्विग्गी फूडपांडा के डिलीवरी ब्वॉय के साथ कई तरह की बदसलूकी और शोषण की घटनाएं सामने आई है। इतना ही नहीं कई बार ओला उबर रैपीडो जैसी कंपनियों के कर्मचारियों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है। सामान्यतः ऐसे कर्मचारियों को महीने की फिक्स सैलरी के बजाय काम के हिसाब से पैसे मिलते हैं। कई बार काम लेने वाला ठेकेदार इन्हें पूरे पैसे नहीं देता है या कुछ और तकनीकी गड़बड़ी करके इन्हें नुकसान पहुंचा देता है। ऐसे में यह नया कानून आने के बाद कम से कम राजस्थान के गिग कर्मचारियों (Rajasthan Platform Based Gig Workers) को तो राहत मिलेगी। एक सर्वे के अनुसार अकेले राजस्थान में ऐसे 4 लाख कर्मचारी हैं। यानी पूरे भारत में माने तो कम से कम 10 करोड़ ऐसे गिग ई कर्मचारी आज की तारीख में ऑनलाइन काम कर रहे हैं।
राजस्थान देश का पहला राज्य जहां ये कानून लागू (Gig workers Act Rajasthan)
राजस्थान में बनाया गया यह कानून देश का पहला ऐसा विधेयक है, जो गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी (Rajasthan Platform Based Gig Workers) देता है। अगर कोई एग्रीगेटर यानी सेवा प्रदाता इसके तहत कानून का पालन करने में नाकाम रहता है, तो उसके लिए जुर्माने और दंड का प्रावधान है। राज्य सरकार पहले उल्लंघन के लिए 5 लाख रुपये तक और बाद के उल्लंघन के लिए 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकती है। एग्रीगेटर्स को इसके लिए एक वेलफेयर फीस भी देनी होगी, जो उनके लेनदेन का एक प्रतिशत होगा। साथ ही इस कानून के तहत सभी ऐसे कर्मचारियों को एक विशिष्ट आईडी उपलब्ध कराई जाएगी जो उन्हें हर जगह पर न्याय दिलाने में मददगार साबित होगी। भारत में अधिकांश गिग वर्कर ऑनलाइन फूड प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स कंपनी और सामान की डिलीवरी जैसे कार्यों से जुड़े हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार की यह अनूठी पहल देशभर के ऐसे असंगठित ही कर्मचारियों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर उभरी है।
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नजरिया बदलो नज़ारा बदल जाएगा
क्योंकि हमारे देश का उसूल है कि जब तक हमारे यहां पर कोई कानून (Rajasthan Platform Based Gig Workers) नहीं होता तब तक हम लोग तरीके से काम नहीं करते हैं। अब जब ऐसे असंगठित यह कर्मचारियों के लिए कानून बनने लगा है तो फिर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां भी शोषण की बजाए अपने कर्मचारियों की तरक्की और खुशहाली के लिए नए-नए काम करने को प्रोत्साहित होगी। क्योंकि यही वह लोग हैं जो आप की मनचाही चीज पलक झपकते ही आपके पास पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। फिर चाहे बारिश हो धूप हो तूफान हो या कोरोना काल, हर वक्त मुस्तैदी से अपना काम करने वाले ऐसे ई कर्मचारियों के हितों की रक्षा के बारे में सोचना हम सब का नैतिक कर्तव्य है। हम उम्मीद करते हैं कि जिस तरह से राजस्थान सरकार (Gig workers Act Rajasthan) ने इन कर्मचारियों के लिए सुनहरा भविष्य तैयार किया है उसी तरह भारत सरकार भी जल्द ही ऐसा कानून बनाएगी और ऐसे सभी गिग वर्कर्स को एक खुशहाल जिंदगी जीने का अवसर प्रदान करेगी। तो अगली बार जब आपके घर के बाहर कोई डिलीवरी ब्वॉय आता है तो उसके साथ सख्ती से पेश आने से पहले एक बार यह बात जरूर सोचिए कि आपकी तरह वह भी अपनी नौकरी कर रहा है। बस सारा खेल सोच का ही है जैसे ही नजरिया बदला, नज़ारा अपने आप बदल जाएगा, ज़माना बदल जाएगा।