पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए जुलाई माह खुशखबरी लेकर आया है। उन्हें इस्लामाबाद हाईकोट की ओर से बड़ी राहत मिली है। उनकी परेशानी का सबब बने तोशाखाना केस को अयोग्य करार करते हुए उनकी बेल एप्लिकेशन को भी मंजूरी दे दी गई। यह फैसला हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आमिर फारुक ने सुनाया।
इमरान खान की ओर से सुनवाई से पहले ही फारुक को केस से हटाने की मांग भी की थी। उनके वकीलों ने सोमवार शाम को हाईकोर्ट बंद होने के कुछ मिनटों बाद ही एक पिटीशन दायर की। जिसमें कहा गया कि चीफ जस्टिस को तोशाखाना केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लेना चाहिए।
काम आई वकीलों की दलीलें
इमरान खान का केस वकील गौहर खान लड़ रहे हैं। उन्होंने एक पिटीशन दायर कर कहा था कि केस में जस्टिस फारुक के रहते हुए निष्पक्ष सुनवाई होना मुमकिन नहीं लगता है। केस के लिए एक ऐसा बेंच बनना चाहिए, जिसमें वे न हों।
जज बदलने की हो सकती है मांग
यदि कोई मुवक्किल चाहे तो कानून में यह व्यवस्था भी की गई है कि वो जज या चीफ जस्टिस को बदलने की मांग कर सकता है। सुनवाई निष्पक्ष तरह से पूरी हो इसके लिए फारुक को जस्टिस बेंच में नहीं होना चाहिए। इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान की तरफ से खान पर यह केस दायर किया गया है। जिसमें सरकार और प्राईवेट पार्टी का कोई रोल नहीं है।