EVM ke Facts : इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) जिसे लेकर आए दिन कांग्रेस हल्ला मचाती है। कई लोग सोचते है कि ये मशीन आखिर काम (EVM ke Facts) कैसे करती है। कैसे इसका वीवीपीएटी से शत-प्रतिशत मिलान किया जाता है। जिस पर हाल ही में कांग्रेस ने कोर्ट में सवाल खड़े किए थे। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इस पर जल्द फैसला आने की उम्मीद है। देश में 4 जून को लोकसभा चुनाव का नतीजा आ रहा है। इसलिए ईवीएम सुर्खियों में है युवा और नए मतदाता EVM ke Facts में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। तो चलिए हम आपको इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Interesting facts about EVMs) बताते हैं।
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EVM से जुड़े रोचक तथ्य (Interesting facts about EVMs)
ईवीएम भारत में चुनाव प्रक्रिया का सबसे अहम अंग
लोकसभा चुनाव से जुड़े रोचक तथ्यों (Interesting facts about EVMs) की बात करें तो ईवीएम भारत में चुनाव प्रक्रिया का सबसे अहम अंग बन गई है। यह साधारण बैटरी से चलने वाली एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है। ईवीएम मतदान के दौरान डाले गए वोटों का हिसाब किताब रखती है, साथ ही उनकी गिनती करने में भी सक्षम होती है।
एक ईवीएम में कितने उम्मीदवारों के नाम दर्ज हो सकते हैं?
एक ईवीएम (EVM ke Facts) में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम दर्ज हो सकते हैं। वोटों को दर्ज करने की काबिलियत देखी जाए तो एक ईवीएम में 3840 वोटों को दर्ज किया जा सकता है।
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क्या EVM को हैक किया जा सकता है?
कई बार कांग्रेसी नेता इसमें छेड़छाड़ (Can anyone hack EVM) का आरोप लगाते है। लेकिन ईवीएम एक ऐसी चिप प्रणाली पर बेस्ड है जिसमें छेड़छाड़ करने पर ये मशीन अपने आप ही काम करना बंद कर देती है। मतलब अगर किसी ने बाहर से इसे हैक करने या डाटा में बदलाव करने की कोशिश भी की तो यह मशीन अपने आप बंद हो जाती है और वो डाटा भी नष्ट हो जाता है।
सबसे पहले ईवीएम का इस्तेमाल कब हुआ?
यदि हम ईवीएम के इतिहास (EVM History India) की बात करें तो भारत में सबसे पहले इस्तेमाल की बात करें तो साल 1982 में इसका उपयोग हुआ। केरल के परूर विधानसभा सीट के 50 मतदान केंद्रों पर वोटिंग करने के लिए ईवीएम काम में ली गई थी। ये एक टेस्ट था जो सफल रहा।
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लोकसभा चुनावों में ईवीएम का उपयोग कब हुआ ?
1998-99 में कुछ राज्यों की विधानसभा सीटों पर ईवीएम (EVM First time used in which election) की मदद से मतदान कराया गया। इसके अलावा 2003 में सभी उपचुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव में ईवीएम का यूज किया गया। फिर पूरी तरह से 2004 में लोकसभा चुनावों में ईवीएम का उपयोग किया जाने लगा। अब हर चुनाव में यही इस्तेमाल होती है।