वन क्षेत्र में बिना रोकटोक के अवैध रूप से लकड़ी को बाहर ले जाने वालों के लिए राह आसान करते हुए एक वन रेंजर ने इसके लिए मासिक बंदी ही निर्धारित कर दी। मामला रेंज बस्सी चित्तौड़गढ का है। जहां अब्दुल सलीम क्षेत्रीय वन अधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दे रहा था। रेंजर ने इस अवैध कारोबार को ही अपना कमाई का जरिया बना लिया। इसकी जानकारी जब एसीबी टीम को लगी तो टीम ने रिश्वत लेने वाले रेंजर पर कार्रवाई करते हुए उसे और उसके नौकर को गिरफ्तार कर लिया।
जानकारी के अनुसार बस्सी क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय के रेंजर ने कुछ समय पूर्व जंगलों के इलाके से लकड़ी ले जाने के मामले में एक पिकअप जब्त की थी। मामले में चालक से एक लाख रूपये लेकर 25 हजार की रसीद कांट दी। जिसके बाद पिकअप मालिक से लकड़ी परिवहन की एवज में मासिक बंदी 50 हजार के रूप में तय की गई। परिवादी ने इसकी शिकायत चित्तौड़ एसीबी आॅफिस में की। जिस पर टीम की ओर से रिश्वत की मांग की जांच की गई। जिसका सत्यापन करने पर यह सही पाई गई।
टीम ने मामले में आरोपी को ट्रेप करने के लिए योजना बनाई। बस्सी क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय में परिवादी ने 60 हजार रूपये रिश्वत के रूप में रेंजर सलीम मोहम्मद को दिये। इस दौरान एसीबी की भनक लगते ही रेंजर ने वह राशि अपने नौकर को दे दी। जिसे नौकर ने घर के पीछे की जमीन पर फेंक दिया। एसीबी की टीम ने यह रिश्वत राशि निवास के पीछे से बरामद कर ली। राशि के साथ रेंजर और नौकर दोनों को मौके पर से गिरफ्तार कर लिया गया।
जिसके बाद उनपर कार्रवाई की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। मामले के बारे में बताते हुए सीआई,एसीबी आदर्श कुमार ने बताया हमारे सामने यह मामला आया था कि रेंजर सलीम मोहम्मद रिश्वत ले रहा है। जांच करने पर मामला सही पाया गया। जिसपर एसीबी को जानकारी दी गई। एसीबी ने कार्रवाई कर सलीम और उसके नौकर को रिश्वत लेने में सहायता करने पर गिरफ्तार कर लिया है।