जयपुर। बिपरजॉय चक्रवात और उसके बाद अब मानसून की दस्तक के बाद पानी की आवक लगातार जारी हैं। टोंक के राजमहल में स्थित बीसलपुर बांध में लगातार पानी की आवक हो रही हैं। ऐसे में अगस्त के पहले सप्ताह तक छलकने की संभावना है। बीसलपुर बांध अजमेर, टोंक, जयपुर सहित आस पास के जिलो की प्यास बुझाता हैं। राजस्थान के कई जिले ऐसे है जो मानसून पर निर्भर करते हैं। क्योकी मानसून की बरसात से ही इन जिलों को पानी मिलता हैं।
बीसलपुर बांध से राजधानी जयपुर सहित टोंक, अजमेर व अन्य जिलों के करोड़ों लोगों को दो साल तक पीने का पानी सुलभ हो सकेगा। इस बार का मानसून आमजन के लिए खुशखबरी बनकर आया है। इस साल पिछले साल की तुलना में अधिक बारिश देखने को मिल रही हैं। प्रदेश में बिपरजॉय चक्रवात के दौरान पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश हुई और उसके बाद प्री मानसून के कारण अच्छी बरसात देखने को मिली थी। लगातार हो रही बरसात का सबसे ज्यादा फायदा जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों की एक करोड़ से ज्यादा की आबादी की पेयजल जरूरतों को पूरा करने वाले बीसलपुर बांध को मिला हैं।
मानसून धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में सक्रिय हो रहा हैं। विभागीय सूचना के अनुसार बीते 14 दिन में बांध में 53 सेंटीमीटर से अधिक पानी की आवक हो चुकी है। पिछले साल हुई बरसात के बाद बीसलपूर बांध पर चादर चली थी। इस बार फिर अच्छी बरसात देखने को मिल रही हैं। और इस बाद फिर भी चादर चलने का काउंटडाउन शुरू हो चुका हैं।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर है। प्रदेश में बिपरजॉय चक्रवात 17 जून को आया और इसके ठीक एक दिन पहले बांध का जलस्तर 312.79 आरएल मीटर था। जल संसाधन विभाग के इंजीनियर्स के मुताबिक बांध को छलकने के लिए महज सवा दो मीटर पानी की आवक की ही जरूरत होगी। विभागीय इंजीनियर्स ने बताया कि बांध के छलकने के स्थिति में करीब 40 से 42 टीएमसी पानी को व्यर्थ ही बहाया जाएगा। इस पानी को सहेजने की राजस्थान में कोई योजना अब तक नहीं बन पाई है।