ब्यावर। किसानों के अनाज की नि:शुल्क छनाई कर उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश के लगभग 120 कृषि उपज मंडियों को मिली थी। इसमें से एक ब्यावर कृषि मंडी भी शामिल थी। ग्रेन ब्रेडिंग मशीन ब्यावर कृषि मंडी परिसर में पड़ी धूल फांक रही है। मुख्यालय की ओर से मशीन संचालन की व्यवस्था ठेके पर शुरू की गई थी। जिन व्यापारियों ने मशीन के संचालन का ठेका लिया, उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था। इस कारण अब कोई व्यापारी फिर से मशीन संचालन के लिए आगे नहीं आ रहा है।
यह मशीन मंडी परिसर में बेकार पड़ी है। ब्यावर स्थित कृषि उपज मंडी की बात की जाए तो मंडी प्रशासन की ओर से लगभग 12 हजार 500 सौ रुपए प्रतिमाह में मशीन संचालन का ठेका दिया था। व्यापारी द्वारा मंडी में आने वाले कास्तकारों के अनाज की नि:शुल्क छनाई करनी थी। वहीं, व्यापारियों के अनाज की छनाई के लिए उनसे राशि वसूल करने की छूट थी, परंतु मंडी परिसर में रखी मशीन से काश्तकार को अनाज छनाई करवा रहे थे, लेकिन कोई व्यापारी अनाज छनाई का इच्छुक नहीं था।
मशीन संचालन करने वाले व्यापारी को घाटा उठाना पड़ा। इसके कारण ही अब फरवरी 2023 से मशीन का संचालन ठप पड़ा है। मालूम हो कि प्रदेश की लगभग 120 मंडियों को ई-इनाम योजना के तहत ग्रेनन ब्रेडिंग मशीन मिली थी। केंद्र सरकार द्वारा अप्रैल 2016 में किसानों की बेहतरी के उद्देश्य से ई-नाम योजना शुरू की गई थी। ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल है जो पूरे भारत में मौजूद एग्री प्रोडक्ट मार्केटिंग कमेटी को एक नेटवर्क में जोडऩे का काम करती है। इसका मकसद एग्रीकल्चर प्रोडक्ट के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक बाजार उपलब्ध करवाना है।
ई-नाम योजना के जरिए किसान अपनी उपज की ऑनलाइन बिक्री कर सकता है। इस संदर्भ में कृषि उपज मंडी के व्यापारी रिखबचंद खटोड ने बताया कि लाख रूपए कीमत की यह मशीन वर्तमान में किसी के कोई काम नहीं आ रही है। पूर्व में एक व्यापारी ने इसे ठेके पर लिया था, लेकिन उसे घाटा होने के कारण उसने मंडी प्रशासन को सुपुर्द कर दी। जिसके बाद यह मशीन खुले में पडी है और वर्तमान में बरसात के मौसम में भीग रही है जिससे उस पर जंग लग रहा और सरकार के लाखों रूपए बर्बाद हो रहे है।