जयपुर। 7 करोड़ की जनसंख्या वाले राजस्थान में 19 नए जिलों की घोषणा करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है. इसके बाद अब राजस्थान में 50 जिले बनाए गए हैं. लेकिन इस मास्टरस्ट्रोक के पीछे का गणित लोग समझ नहीं पा रहे. दरअसल, राजस्थान को बांटकर एक अलग राज्य मरू प्रदेश बनाने की मांग काफी लंबे समय से चल रही है. ये मांग राजस्थान के पश्चिम भाग में स्थित कई जिले कर रहे हैं. ये जिले रेगिस्तानी इलाकों वाले हैं इसलिए समुचित विकास के लिए अलग राज्य Maru Pradesh की मांग कर रहे हैं. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक गहलोत बड़ा ऐलान कर सकते हैं.
1. लंबे समय से मरू प्रदेश की मांग
आपको बता दें कि राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन के बाद मरू प्रदेश नाम से अलग राज्य बनाने की मांग तेजी हो सकती है. गहलोत पहले ही 19 नए जिलों के गठन के ऐलान करके चौंका चुके हैं. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि 4-5 नए जिले राजस्थान में बनाए जाएंगे. लेकिन अब राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 50 हो चुकी है. नए अलग राज्य के गठन को लोग अब असंभव नहीं मान रहे हैं.
2. मरू प्रदेश में ये जिले होंगे शामिल
यदि राजस्थान को 2 भागों में बांटा जाता है तो पश्चिमी प्रदेश का नाम मरू प्रदेश रखा जा सकता है. थार के मरूस्थल के इलाके में आने वाले जिले इसमें शामिल हो सकते हैं. 50 जिलों में से 17 से ज्यादा जिले नए प्रदेश में शामिल हो सकते हैं. नए प्रदेश का हिस्सा जालोर, बाड़मेर, सांचोर, फलौदी, बालोतरा, जोधपुर पश्चिम, जोधपुर पूर्व, बीकानेर, जैसलमेर, अनूपगढ़, श्रीगंगानगर, पाली, नागौर, चूरू, सीकर, नीमकाथाना और डीडवाना कुचामन जिले हो सकते हैं.
3. इसलिए हो रही मरू प्रदेश की मांग
आपको बता दें कि एक ओर जहां राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय तो ज्यादा है, लेकिन पश्चिम राजस्थान के जिलों में रहने वालों का औसत निकाला जाए तो उनकी आय काफी कम है. अलग राज्य बनने से लोगों को तेज विकास की उम्मीद है. यदि नया राज्य मरू प्रदेश बनाया जाता है तो उसमें 2 लाख स्क्वायर किलोमीटर का इलाका हो सकता है.