Qurbani Ka Gosht Freezer : ईद उल अजहा का त्योहार बस एक दिन दूर है। 17 जून (Eid ul Adha Date 2024) को भारत में तथा 16 जून को खाड़ी देशों (Eid ul Adha Gulf 2024) में ईद उल अजहा मनाई जाएगी। ईद उल अजहा के मौके पर बकरे या मेंडे की कुर्बानी दी जाती है। केवल गोश्त खाने के इरादे से कुर्बानी नहीं की जानी चाहिए। बल्कि तकवा और परहेजगारी ही इस त्योहार का मुख्य अकीदा है। लेकिन फिर भी कई लोग कुर्बानी के मीट को कई दिनों तक फ्रीजर में (Qurbani Ka Gosht Freezer) जमा करके रखते हैं। इस बारे में शरीयत का क्या कहना है यही हम आपको बता रहे हैं। मुस्लिम महिलाओँ तक ये पोस्ट जरूर पहुंचाएं। आप सबको ईद अल अजहा (Bakrid News 2024) की तहे दिल से मुबारकबाद। अल्लाह हम सबको अपनी सबसे प्यारी चीज अल्लाह की राह में कुर्बान करने की तौफीक़ नसीब फरमाएं। आमीन सुम्माआमीन
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फ्रिज में जमा न करें गोश्त (Qurbani Ka Gosht Fridge me Na Rakhen)
कई हजरात फ्रिज में कई दिनों तक कुर्बानी का गोश्त जमा (Qurbani Ka Gosht Fridge me Na Rakhen) करके खाते रहते हैं। शरीयत इसकी इजाजत नहीं देती है। गोश्त केवल 3 दिन (Qurbani Ka Gosht Freezer) में खत्म हो जाना चाहिए। खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं की आदत होती है कि ईद उल अजहा का मीट कई दिनों तक फ्रीजर में जमा करके रखती है। हुजूरे पाक का फरमान है कि ये सरासर गलत है। कुर्बानी के गोश्त पर बाकी लोगों का भी हक होता है। जैसे गरीब, मिस्कीन, रिश्तेदार, गांव वाले, पड़ोसी, जिनके कुर्बानी नहीं की गई हैं वो लोग। तो इस साल 3 दिन में ही गोश्त फिनिश कर लें।
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गोश्त ज्यादा हो तो क्या करें (Qurbani Ka Gosht Freezer)
अगर आपके पास कुर्बानी का गोश्त (Qurbani Ka Gosht Gharibon me Distribute) थोड़ा ज्यादा मिकदार में है तो आपको अपने रिश्तेदारों की दावत कर देनी चाहिए। साथ ही मोहल्ले के मिस्कीन और गुरबा बंदों में ये गोश्त तकसीम कर दिया करें। दिल में नीयत करें कि ये अमल आप खालिस रब की रज़ा के लिए कर रहे हैं। ना कि जाति बिरादरी यार दोस्त मोहल्ले को दिखाने के लिए कर्जा लेकर बकरा कुर्बान कर रहे हैं।
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कुर्बानी के मसाइल (Qurbani Ke Masail Hindi)
कुर्बानी के दौरान कोई गलती हो जाए तो कोई बात नहीं। अल्लाह नीयत को बेहतर जानता है। आपकी कुर्बानी अल्लाह (Qurbani Ke Masail Hindi) ने कुबूल की है या नहीं की है ये केवल अल्लाह ही जानता है। गोश्त को घर में जमा न करे। ज्यादा से ज्यादा चार दिन में गोश्त खत्म कर दे। लेकिन दिल में नीयत रखें कि अल्लाह ने कुबूल कर ली है। मौला हम सबकी कुर्बानी को कुबूल ओ मंज़ूर फरमाएं। आमीन, सुम्माआमीन।