पृथ्वीराज चौहान महान सेनानायक थे
पृथ्वीराज चौहान महान सेनानायक थे
अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने कई युद्ध लड़े।
अपने पूरे जीवनकाल में उन्होंने क
ई युद्ध लड़े।
पृथ्वीराज चौहान इतने वीर थे कि वे किसी से भी हार नहीं सकते थे।
पृथ्वीराज चौहान इतने वीर थे कि वे किसी से भी ह
ार नहीं सकते थे।
कुछ गलतियों के कारण उन्हें हार का मुह देखना पड़ा।
कुछ गलतियों के कारण उन्हें हार का मुह देखना पड़ा।
पृथ्वीराज चौहान ने अपने साथियों पर आंख बंद कर भरोसा किया।
पृथ्वीराज चौहान ने अपने साथियों पर आंख बंद कर भरो
सा किया।
1191 में तराइन के युद्ध में जीतने के बाद पृथ्वीराज चौहान आराम की मुद्रा में आ गए थे।
1191 में तराइन के युद्ध में जीतने के बाद पृथ्वीराज चौहान
आराम की मुद्रा में आ गए थे।
1191 में तराइन के युद्ध में जीतने के बाद पृथ्वीराज चौहान आराम की मुद्रा में आ गए थे।
1191 में तराइन के युद्ध में जीतने के बाद पृथ्वीराज चौहान
आराम की मुद्रा में आ गए थे।
इस वजह से मुहम्मद गौरी को 1192 में दूसरे युद्ध में तैयारी का मौका मिला।
इस वजह से मुहम्मद गौरी को 1192 में दूसरे युद्ध में तैयारी का मौका मिला।
दूसरे युद्ध में गौरी ने चौहान सेना पर रात को हमला किया जब सेना सो रही थी।
दूसरे युद्ध में गौरी ने चौहान सेना पर रात को हमला किया जब सेना सो रही थ
ी।
इसके लिए पृथ्वीराज चौहान की सेना बिल्कुल भी तैयार नहीं थी।
इसके लिए पृथ्वीराज चौहान की सेना बिल्कुल भी तैयार नहीं थी।