जयपुर। Bakra Eid Ki Namaz : इस्लाम धर्म में ईद-उल-अजहा अथवा ईद-उल-जुहा यानि बकरीद जिसको बकरा ईद (Bakra Eid) भी कहा जाता है आज यानि 17 जून को मनाई जा रही है। बकरीद इस्लाम के मानने वाले मुस्लिमों के सबसे पवित्र त्योहारों में एक मानी जाती है। इस्लाम को मानने वाले हर साल 2 ईद मनाते हैं। इनमें से एक को ‘मीठी ईद’ कहते हैं और दूसरी को ‘बकरीद’।
कुर्बानी का दिन होता है बकरीद
ईद मीठी ईद को सबसे प्रेम करने का संदेश देने वाली कहा जाता है तो बकरीद को अपना कर्तव्य निभाने वाला दिन कहा जाता है। इसी दिन कुर्बानी दी जाती है। मुस्लिम लोग बकरीद के दिन ही बकरे या किसी अन्य पशु की कुर्बानी देते हैं। इसको इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार आखिरी महीने का 10वां दिन माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं बकरीद से जुड़ी कुछ खास बातें।
10 तारीख को मनाई जाती है बकरीद
इस्लामिक कैलेंडर का आखिरी महीना धू-अल-हिजाह होता है जो 8वें दिन हज शुरू होकर 13वें दिन खत्म होता है। इसके बाद ईद-उल-अजहा यानी बकरीद इसी के बीच में इस इस्लामिक महीने की 10 तारीख को पड़ती है। हालांकि, अंग्रेजी के कैलेंडर के अनुसार हर साल यह तारीख बदल जाती है इस्लामिक कैलेंडर चांद पर आधारित होता है जो अंग्रेजी कैलेंडर से 11 दिन छोटा होता है।
इसलिए मनाई जाती है बकरीद
यह दिन हजरत इब्राहिम के अल्लाह के प्रति अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इसके पीछे का संदेश यह है कि हजरत इब्राहिम अल्लाह में सबसे ज्यादा विश्वास करते थे। क्योंकि उन्होंने अल्लाह पर विश्वास दिखाने के लिए अपने बेटे इस्माइल की बलि दी थी। कुर्बानी के लिए जैसे ही इब्राहिम ने अपनी तलवार उठाई वैसे ही दैवीय शक्ति से उनके बेटे की बजाए कुर्बानी के लिए वहां एक दुंबा (भेड़ जैसी ही एक प्रजाति) वहां आकर खड़ा हो गया। इसी कहानी के आधार आज भी बकरीद के दिन जानवर की कुर्बानी दी जाती है। कुर्बान जानवर को 3 भागों में बांटा जाता है। इनमें से एक भाग गरीबों में दान दिया जाता है। दूसरा भाग दोस्तों और रिश्तेदारों को दिया जाता है और बचा हुआ तीसरा भाग कुर्बानी देने वाला परिवार खाता है।
बकरीद को 5 नामों से जाना जाता है जो इस प्रकार है
1. ईदुल अज़हा
2. ईद अल-अज़हा
3. ईद उल-अज़हा
4. ईद अल-अधा
5. ईदुज़ जुहा
बकरीद और मीठी ईद में फर्क
– इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार हर साल बकरीद को मीठी ईद के करीब 70 दिन बाद मनाया जाता है।
– इन दोनों त्योहारों में काफी अंतर है लेकिन सामाजिक रूप से एक जैसे हैं। इनमें दोनों में अल्लाह को शुक्रिया अदा किया जाता है।
– मीठी ईद पर मुस्लिम लोग सभी को ईदी देते हैं और खुशी से यह मनाते हैं।
– बकरीद को कुर्बानी का दिन कहा जाता है।
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