जयपुर। तोशखान मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान अब बचने वाले नहीं हैं. हालांकि, उनको इस्लामाबाद कोर्ट से थोड़ी राहत मिली है. अब उनकी सुनवाई 30 मार्च तक स्थगित कर दी गई है. लाहौर पुलिस ने जब इमरान अपने जमान पार्क वाले घर में नहीं थे उसी व्क्त पुलिस ने लाहौर वाले घर को अपने कब्जे में ले लिया और वहां की तलाशी करना शुरू कर दी. उस समय जब इमरान की पत्नी घर में अकेली थी और रखवालों ने पिटाई खाई। इमरान के घर के सामने ही पाकिस्तान तहरीफ इंसाफ पार्टी और पुलिस प्रशासन के बीच झड़प हुई जिसमें कई लोग जख्मी हुये.
1. 10 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों ने बोला धावा
इसी दौरान इमरान खान के समर्थको को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया। इमरान के आवास में 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों ने छापा मारने के साथ—साथ वहां की स्थिति गंभीर हो गई. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कम से कम 61 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और लगभग 10 पीटीआई कार्यकर्ता और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
2. लाहौर और इस्लामाबाद में बुरा हाल
-इमरान के लाहौर वाले घर में पुलिस घुस गई जब इमरान घर पर नहीं थें, वहां केवनल उनकी पत्नी ही थी. इसी बीच पुलिस प्रशासन और इमरान के समर्थकों के बीच झड़प हो गई.
–पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक डॉ. उस्मान अनवर ने बताया कि इमरान के घर जांच के दौरान उन्हें पेट्रोल बम की बोतलें और कलाश्निकोव की 20 राइफल बरामद की.
– इमरान अपने लाहौर वाले घर पर छापे मारने की प्रतिक्रिया को देखते हुए उनका कहा कि यह “अदालत की अवमानना” है। मेरे घर में घुसकर पुलिस् प्रशासन ने कानून का उल्लघंन किया और साथ ही मेरे समर्थको और मेरे परिचित लोगो के साथ अभद्र व्यवहार किया जिसके खिलाफ मैं हिंसा का मुद्दा न्यायपालिका के सामने उठाने जा रहा हूं.
–इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान खान के चीफ ऑफ स्टाफ शिबली फराज को भी गिरफ्तार कर लिया, और बाद में उन्हें अतिरिक्त न्यायाधीश के आदेश पर रिहा कर दिया. फराज को सोमवार को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है.
-सुनवाई के दौरान, अदालत के सामने उनकी उपस्थिति से पहले न्यायिक परिसर के बाहर सुरक्षा बलों और खान के समर्थकों के बीच झड़पें.
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— इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख अकबर नासिर खान ने मीडिया को बताया कि खान के समर्थकों ने हिंसा का सहारा लिया, पुलिस पर पथराव किया और एक पुलिस पिकेट को भी आग लगा दी.
3. अस्पताल हाई अलर्ट पर
मौजूदा स्थिति के बीच अशांति और अराजकता की आशंका से, लगभग 4,000 सुरक्षा अधिकारियों, जिनमें संभ्रांत पुलिस कमांडो, आतंकवाद विरोधी दस्ते और अर्धसैनिक रेंजर शामिल हैं, को इस्लामाबाद के आसपास तैनात किया गया था और अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया था.