इसरो का तीसरा मून मिशन सफलतापूर्वक लॉन्च हो चुका है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में इसरो चेयरमैन एस सोमनाथ ने मिशन कंट्रोल पर पहुंचे। वैज्ञानिकों ने लॉन्च से पहले रॉकेट का फाइनल चेक किया। कमांड सेंटर में पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. शिवन सहित कई वैज्ञानिक मौजूद रहे। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को देखने के लिए 200 से अधिक स्कूली छात्र आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे।
यह चंद्रयान- 2 की क्रैश साइट से 100 किमी. दूर उतरेगा। चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा, सिर्फ लैंडर और रोवर ही रहेंगे। क्योंकि पिछले मून मिशन का ऑर्बिटर अभी भी अंतरिक्ष में काम कर रहा है।
चंद्रयान-3 लॉन्च होने के बाद पृथ्वी की कक्षा में जाएगा फिर इसके बाद धीरे-धीरे चंद्रमा की ओर आगे बढ़ेगा। अगर मौसम सही रहा तो 23 अगस्त या उसके बाद किसी भी दिन चंद्रमा पर लैंड करेगा। अगर सूर्योदय में देरी होती है तो इसरो लैंडिंग का समय बढ़ाकर इसे सितम्बर में कर सकता है। चंद्रयान 3 को चांद पर जाने के लिए 3.84 लाख किमी की दूरी तय करनी होगी। यह दूरी 40 दिनों में पूरी करने की उम्मीद की जा रही है।