सावन मास में शिव पूजन का हर तरह से विशेष महत्व होता है। यह महत्व और भी बढ़ जाता है जब यह सावन में शिवरात्रि पर किया जाए। इस मास में धार्मिक कार्यों और पूजा का विशेष महत्व होता है। शिवरात्रि पर की जाने वाली पूजा और व्रत को हर तरह से बहुत फलदायी माना जाता है।
इस बार सावन की शिवरात्रि 15 जुलाई पर है, जिस दिन तीन ऐसे योग बन रहे हैं कि पूजा करने वाले को जीवन में हर तरह से सुख और समृद्धि प्राप्त होगी।
इस वर्ष सावन मास की शिवरात्रि 15 जुलाई शनिवार को है। इस दिन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी है। इस एक दिन में ही शिव और पार्वती की पूजा करने से जीवन में सुख की वर्षा होती है। हिन्दू पंचांग को देखें तो इस दिन बन रहे योग में पूजा करने से पूजा करने वाले को विशेष फल मिलता है।
कब शुरू होगी शिवरात्रि
हिंदू पंचाग के आधार पर मानें तो 15 जुलाई को शिवरात्रि रात में 8 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी। जो 16 जुलाई को रात 10 बजकर 8 मिनट तक रहेगी। इस समय में चार प्रहर की पूजा करने का भी खास महत्व है। यह व्रत शनिवार को रखा जाएगा। इस पूजा को करने से भगवान शिव के साथ माता पार्वती भी प्रसन्न होती हैं। चारों प्रहर मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। जिसके बाद विशेष पूजन और पाठ किया जाता है।
कौन से हैं तीन खास योग
शिवरात्रि के दिन सावन में इस बार जो तीन खास योग बन रहे हैं। जो वृद्धि योग, धु्रव योग और मृगशिरा योग बन रहे हैं। पहला योग सुबह 8.22 तक रहेगा तब ही दूसरा योग शुरू हो जाएगा और रात 12.33 से तीसरा योग शुरू होगा। विद्वानों की मानें तो इन तीनों योगों में पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।