जयपुर : Amarnath Yatra : अमरनाथ यात्रा भारत में की जाने वाली सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। क्योंकि अमरनाथ शिवलिंक 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पर्वत पर बनता है जहां की यात्रा करना हर किसी के बस की बात नहीं। लेकिन, इन सबके बावजूद राजस्थान की राजधानी जयपुर के रहने वाले शिव भक्त आनंद सिंह (Anand Singh Jaipur) का जज्बा इस यात्रा के दौरान देखने लायक होता है। क्योंकि दोनों पैर नहीं होने के बावजूद आनंद अमरनाथ यात्रा अनवरत रूप से कर रहे हैं। विषम परिस्थितियां होने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी और इस बार वो अपनी 12वीं यात्रा पूरी कर रहे हैं।
एक्सीडेंट में गवां दिए थे दोनों पैर
जयपुर के रहने वाले आनंद सिंह ने 2002 में एक एक्सीडेंट में अपने दोनों पैर गंवा दिए थे। लेकिन, उनकी भगवान शिव में इतनी गहरी आस्था है कि वो सामान्य लोगों की बाबा बर्फानी की कठिन यात्रा पिछले कई सालों से लगातार करते आ रहे हैं। आनंद सिंह ट्रक के टायर के एक कटे हुए हिस्से का यूज करके 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। उनका कहना है कि भोले बाबा के साथ उनका एक नाता है जो प्रत्येक गुजरते साल के साथ और भी मजबूत होता जा रहा है।
अमरनाथ यात्रा के लिए गए 13103 तीर्थयात्री
आनंद का कहना है कि उनका दृढ़ संकल्प है कि वो जब तक शारीरिक रूप से मजबूत हैं तब तक अमरनाथ यात्रा करते रहेंगे। उनकी कहानी ऐसे सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो जीवन की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का तीसरा जत्था जम्मू से रवाना हो चुका है जिसमें 6,619 तीर्थयात्री शामिल हैं। अब तक अमरनाथ गुफा के लिए कुल 13,103 तीर्थयात्री जम्मू बेस कैंप से रवाना हो चुके हैं।