भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद पर एक देश और है जो भारत के साथ खड़ा नजर आ रहा है। श्रीलंका की ओर से वहां के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात करने गुरुवार को भारत पहुंच चुके हैं।
वे दो दिन के दौरे पर भारत की यात्रा पर आए हैं। जिस दौरान वे कई मुद्दों पर चर्चा करने वाले हैं। जिसमें चीन के हिंद महासागर में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप पर भी चर्चा करेंगें। इस यात्रा में चीन की नीतियों और नेवल डिफेंस के साथ दोनों देशों के बीच में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा होगी। जो भारत सरकार की ओर से श्रीलंका में चल रहे हैं।
दोनों देश मना रहे है 75 साल
भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक संबंधों का यह 75 वां साल है। दोनों देशों के बीच यह साल दोस्ती के लिहाज से भी काफी खास है।
भारत ने की थी मदद
श्रीलंका में पिछले साल ही सिविल वाॅर के हालात बन गए थे। जिसमें जनता ने वहां की राजपक्षे सरकार को हटा दिया था। रानिल विक्रमसिंघे ने इस समय में वहां की व्यवस्थाओं को बनाने का काम किया था। वहां उनका कार्यकाल सितंबर 2024 में पूरा हो रहा है। भारत की ओर से वहां पर करोड़ों रुपये की मदद भी दी गई है। इससे वहां पर वेलफेयर प्रोजेक्ट और कई पावर, एग्रीकल्चर, एनर्जी और नेवल डिफेंस के प्रोजेक्ट भी चल रहे हैं। इन सभी की समीक्षा भी इस बैठक के दौरान दोनों के बीच में की जाएगी।
दोस्ती को करना चाहता है मजबूत
भारत के साथ श्रीलंका अपनी दोस्ती को और भी मजबूत करने के लिए हर तरह के कदम उठा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की ओर से दौरे से पहले ही रुपये को काॅमन करेंसी बनाने की मंजूरी दी थी। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि वे भारतीय रुपये को डाॅलर की तरह ही इस्तेमाल होते देखना चाहते हैं।