जयपुर। Kedarnath Dham : इस समय पूरे मीडिया जगत में एक ही खबर प्रमुखता से चल रही है कि केदारनाथ से 228 किलो सोना चोरी हो गया है। यह संगीन आरोप ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने लगाए है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान ये आरोप लगाए। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ जैसा मंदिर बनाने को लेकर भी सवाल खड़े गए हैं। हालांकि, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इन आरोपों का खंडन किया है। ऐसे में आइए इसी तरह के खजाने से जुड़ी एक बहुत बड़ी घटना के बारे में जो आज भी चर्चा का विषय रहती है।
इमरजेंसी में इंदिरा गांधी ने पड़वाए छापे
आपको बता दें कि इंदिरा गांधी सरकार ने 25 जून 1975 को भारत में इमरजेंसी लगा दी थी जिसके बाद बदले की कार्रवाई शुरू हुई। इसके तहत सबसे चुन-चुनकर विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और जजों को जेल में डाला गया। इसके बाद देश के उद्योगपतियों और राज परिवारों का नंबर आया। इस दौरान इंदिरा ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया वो था इनकम टैक्स की रेड़।
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इंदिरा गांधी मोती डूंगरी से ले गई 800 किलो सोना
इंदिरा गांधी की जयपुर राजघराने और ग्वालियर के सिंधिया राजघराने से दुश्मनी थी। इंदिरा सरकार द्वारा जो सबसे मशहूर रेड डलवाई गई जो जयपुर राज परिवार था। इंदिरा जयपुर की राजमाता महारानी गायत्री देवी को नापसंद करती थीं जिसके चलते यह कार्रवाई हुई। इसके चलते इनकम टैक्स के दर्जनों अफसर जयपुर राजघराने पर रेड डालने पहुंच गए। इस दौरान सभी जगह कुछ नहीं मिला। हालांकि, मोती डूंगरी में खुदाई हुई तो सबकी आंखें फटी रह गईं क्योंकि यहां पर 800 किलो सोना मिला। यह सोना इंदिरा गांधी के पास जिसका अभी तक कोई पता नहीं।
वसुंधरा के घर संजय गांधी के दोस्त का कब्जा
बताया जाता है कि जयपुर के बाद ग्वालियर के सिंधिया राजघराने का नंबर आया। उस दौरान सिंधिया परिवार के बस 2 सदस्य, वसुंधरा राजे सिंधिया और उनकी बहन यशोधरा राजे सिंधिया ही बाहर थीं। उनके भाई माधवराव सिंधिया नेपाल में थे। जबकि मां राजमाता विजयराजे सिंधिया को जेल में डाल दिया गया। इसके बाद इनकम टैक्स की टीम सिंधिया परिवार के दिल्ली स्थित घर पर पहुंची। वहां पर वसुंधरा राजे मिलीं तो इनकम टैक्स के अफसरों ने घर से सारे फर्नीचर, कुर्सियां आदि चीजें निकाल कर बाहर फेंक दी। इसके बाद इनकम टैक्स की टीम ने कहा कि बाहर फेंके गए सामान में से वो जो चाहे रख सकती हैं, लेकिन घर फौरन खाली करना कर दें। इसके बाद उस घर पर संजय गांधी के करीबी दोस्त नवीन चावला ने कब्जा कर लिया और वसुंधरा राजे को रातों-रात बेघर कर दिया। उस दौरान उन्हें अपनी बंद पड़ी एक पारिवारिक फैक्ट्री के परिसर में मैनेजर के घर शरण लेनी पड़ी।