श्रीलंका और भारत के बीच अब हवाई ही नहीं समुद्र से भी कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात में यह अहम फैसला लिया गया। विक्रमसिंघे दो दिन के दौरे पर आए हैं। जहां दोनों नेताओं में द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की और कई अहम फैसले भी लिए। जिनमें श्रीलंका के साथ यूपीआई को लेकर भी समझौता भी हुआ।
बातचीत में पीएम मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को प्राचीन और व्यापक बताते हुए इसकी अहमियत को भी बताया। जहां दोनों देशों के बीच हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने और पैसेंजर फेरी सर्विस सेवा को शुरु करने पर भी फैसले लिए गए।
मोदी ने साफ किया अब श्रीलंका की बारी
श्रीलंका में पिछले साल आए आर्थिक संकट में भारत की ओर से काफी मदद की गई। जिससे श्रीलंका को संकट से उबरने में आसानी हुई। पीएम मोदी ने साफ किया कि अब श्रीलंका की सरकार की बारी है कि वो तमिलों की आकांक्षाओं पर खरी उतरे। भारत ने श्रीलंका के साथ पड़ोसी देशों से दोस्ती और दूरदर्शी विजन को भी अहम बताया।
आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलेंगे विक्रमसिंघे
श्रीलंका के राष्ट्रपति का भारत में स्वागत क्रेंद्रीय राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने किया। जिसके बाद वे पीएम मोदी के साथ कई मामलों पर चर्चा की। जिसके बाद वे विदेश मंत्री एस जयशंकर, एनएसए अजित डोभाल और बिजनेसमैन गौतम अडाणी से भी मिले।
दोनों देश मना रहे है 75 साल
भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक संबंधों का यह 75 वां साल है। दोनों देशों के बीच यह साल दोस्ती के लिहाज से भी काफी खास है।
दोस्ती को करना चाहता है मजबूत
भारत के साथ श्रीलंका अपनी दोस्ती को और भी मजबूत करने के लिए हर तरह के कदम उठा रहा है। इसी क्रम में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की ओर से दौरे से पहले ही रुपये को काॅमन करेंसी बनाने की मंजूरी दी थी। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि वे भारतीय रुपये को डाॅलर की तरह ही इस्तेमाल होते देखना चाहते हैं।