जयपुर। Budget 2024 में किसानों पर जमकर पैसा बरसा है जिसके तहत अब खेती और किसानी से जुड़ी स्कीम्स पर 1.52 लाख करोड़ रूपये खर्च होंगे। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट में कृषि सेक्टर के लिए बजट (Agriculture Budget) बढ़ाने की घोषणा की है जिसके तहत अब किसानों की मौज हो गई है। इससे पहले अंतरिम बजट में कृषि के लिए बजट 1.47 लाख करोड़ रुपये रखा गया था।
कृषि से जुड़े कार्यों के लिए बजट बढ़ाया
बजट 2024 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने खेती के विकास के लिए बजट बढ़ाने की घोषणा की है। पिछली बार कृषि और इससे जुड़े कार्यों के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा गया था, लेकिन इस बार 1.52 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इस बजट में किसानों व खेती कार्यों को कई तरह से फायदा पहुंचाया जाएगा।
कृषि के लिए बजट में हुईं ये घोषणाएं
केंद्रिय वित्तमंत्री ने बजट 2024 पेश करते हुए कहा कि कृषि के उत्पादन में उत्पादकता और लचीलापन लाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही फसल का उत्पादन बढ़ाने के लिए फसलों की नई किस्में जारी की जाएंगी। आने वाले 2 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में सहायता की जाएगी। दलहन और तिलहन के लिए मिशन शुरू किया जाएगा। सरकार उनके उत्पादन और मार्केटिंग को मजबूत करेगी। साथ ही फसलों के उत्पादन, भंडारण तथा मार्केटिंग को मजबूत बनाया जाएगा। सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला के लिए क्लस्टर विकसित किए जाएंगे।
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ग्रामीण विकास पर 2.66 लाख करोड़ खर्च
बजट 2024 पढ़ने के दौरान वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि ग्रामीण विकास पर 2.66 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पहले अनुमान था कि सरकार बजट में ग्रामीण विकास के लिए सरकार बजट में इजाफा कर 2.70 लाख करोड़ रुपये तक खर्च करेगी।
1 रुपया में फसल बीमा कराएं किसान
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की तरफ से साल खरीफ फसल के लिए बीमा योजना शुरू की जा चुकी है। फसल बीमा सप्ताह 1 से 7 जुलाई 2024 तक है। इस दौरान किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे PMFBY से जुड़कर अपनी आय सुरक्षित करें। इस योजना से जुड़ने के बाद किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलती है।
98.5 फीसदी तक मिलेगा भुगतान
सरकार की फसल बीमा योजना किसानों को उनकी फसल खराब होने पर मुआवजा देती है। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि इस बीमा योजना में किसानों को कुल प्रीमियम का सिर्फ 2 प्रतिशत ही देना होता है। इसमें सरकार फसल के प्रीमियम का 98.5 प्रतिशत तक का भुगतान करती है।