Rashtrapati Bhavan Halls Renamed: राष्ट्रपति भवन में इन दिनों कई बदलाव किए गए हैं। वो भी राष्ट्रपति के कारण ही। यहां बने हॉल के नाम बदल दिए गए हैं। यहां बने ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदल गया है। अब ये दोनों हॉल नए नामों से जाने जाएंगे। अशोक हॉल का नाम बदलकर जहां अशोक मंडप कर दिया गया है। वहीं दरबार हॉल को अब गणतंत्र मंडप पुकारा जाएगा। इस बदलाव को लेकर कई राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं।
दरअसल राष्ट्रपति भवन में हॉल के नाम बदलने का कारण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु हैं। आज इनके कार्यकाल के दो वर्ष पूरे हुए हैं। इसी कारण यहां ‘दरबार हॉल’, ‘अशोक हॉल’ के नामों में बदलाव किया गया है। अब ये गणतंत्र मंडप और अशोक मंडप के नाम से जानें जाएंगे।
अशोक मंडप क्यों है खास
अशोक मंडप जिसका नाम पहले अशोक हॉल था। यह कलात्मक रूप से निर्मित विशाल हॉल है। यहां महत्त्वपूर्ण समारोह, विदेशों से मिशनों के प्रमुखों पहचान-पत्र प्रस्तुत करना आदि किया जाता है। यहां फर्श लकड़ी से बना है। यही नहीं इसकी सतह के नीचे स्प्रिंग लगाए गए हैं। छत पर पारसी सात कज़ार शासकों में से दूसरा शासक फतह अली शाह का अश्वारोही का चित्र है। जो इंग्लैंड के जार्ज चतुर्थ को भेंट स्वरूप प्रदान की गई थी। इसे लंदन के भारत ऑफिस लाइब्रेरी से यहां लाया गया। यहां बेल्जियम झूमर भी खास हैं। हॉल से मुगल गॉर्डन का दृश्य दिखता है।
गणतंत्र मंडप जो था दरबार हॉल
राष्ट्रपति भवन में ये सर्वाधिक भव्य हॉल है। गणतंत्र मंडप पहले दरबार हॉल, थ्रोन रूम के नाम से जाना जाता था। यहां पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में स्वतंत्र भारत की सरकार ने शपथ ली थी। यहां राष्ट्रपति द्वारा असैन्य और सैन्य सम्मान भी दिए जाते हैं।जिसकी दीवारें सफेद मार्बल और दरबार हॉल में सूर्य की रोशनी भी खास प्रवेश होती है। यहां भी छत पर सुंदर बेल्जियम कांच का झूमर शोभा बढ़ाता है। यह हॉल सफेद शीर्ष और सतह युक्त पीले जैसलमेर मार्बल के स्तंभों से घिरा है।