हरियाणा के बहुचर्चित एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड मामले में मंगलवार को विधायक गोपाल कांडा को 11 साल बाद राहत मिली है। इस केस में 25 जुलाई को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने केस के मुख्य आरोपी गोपाल कांडा को बरी कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद जब गोपाल कांडा से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होनें कुछ भी बोलने के बजाय हाथ जोड़े।
इस केस में 18 महीने जेल में बिताने के बाद गोपाल कांडा को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट से खुशखबरी मिली है। कोर्ट के फैसले पर ही उनका राजनीतिक भविष्य टिका हुआ था। ऐसे में आज का फैसला उनके लिए अहम माना जा रहा है। अगर राऊज एवेन्यू कोर्ट में उन्हें दोषी ठहराया जाता तो उनके विधायक पद पर संकट आ सकता था।
बता दें कि कांडा हरियाणा के गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में गोपाल कांडा अपनी पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी से सिरसा से विधायक हैं। कांडा के साथ ही उनकी MDLR कंपनी की मैनेजर अरूणा कांडा को भी इस केस में बरी कर दिया गया है।
एयर होस्टेस गीतिका विधायक कांडा की एयरलाइंस में काम करती थी। इंटरव्यू के बाद गीतिका को सीधे केबिन क्रू का अपॉइंटमेंट लेटर मिला। 6 महीने बाद गीतिका 18 साल की हुई तो उसे एयरहोस्टेस बना दिया गया। इसके बाद 3 साल में ही वह ट्रेनी से सीधे कंपनी में डायरेक्टर बन गई। 5 अगस्त, 2012 को 23 साल की गीतिका ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में सुसाइड किया था। गीतिका के परिवार वालों ने इस सुसाइड को लेकर गोपाल पर आरोप लगाया था और मौत का जिम्मेदार बताया था।