जयपुर। देश भर में आज कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा हैं। देश की रक्षा के लिए सेना के जवानों ने अपने प्राणो की आहुतियां दे दी थी। देश के जांबाज सैनिको को आज पूरा देश नमन कर रहा हैं। साल 1999 दिन 26 जुलाई यह वह तारिख है जिसे देश के जवानों ने अपने खून, बलिदान और त्याग से लिखा हैं। आज के दिन भारत ने पाकिस्तान से युद्ध जीता था। हमारे जांबाज सैनिकों ने 17 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन को खदेड़ भगाया था। 3 मई 1999 यह वह दिन था जब पहली बार घुसपैठ की सूचना मिली थी। जिसका अंत युद्ध जीत कर आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को किया गया था।
कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ देश के बेटों ने अपनी शहादत दी थी। इस दौरान राजस्थान के 52 वीर पुत्रों ने मातृभूमि को अपने शीश समर्पित किए। प्रदेश के शेखावटी ने इस दौरान एक साथ अपने 36 जवानों को खो दिया था। झुंझुनू जिले के 22 जवानों ने देश सेवा में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। कारगिल युद्ध के दौरान झुंझुनू के चार दोस्तों की कहानी हर किसी की जुबान पर थी। इस कहानी को याद कर आज भी लोग गर्व से सीना फुला लेते हैं।
1999 में जब कारगिल का युद्ध चल रहा था। तब मालीगांव के चार दोस्त सूबेदार राजेंद्र प्रसाद, मनोज भाम्बू, राजवीर सिंह और कमलेश चारों दुश्मन का सामना कर रहे थे। चारों ने मिलकर तय किया किसी की भी शहादत होती हैं तो बाकी उसके पार्थिव शरीर को गांव तक लेकर जाएंगे। चारों दोस्तों ने दुश्मन की सेना को नाकों चने चबा दिए। 11 अगस्त 2022 को 24 साल बीत जाने के बाद राजौरी में हुए आतंकी हमले में सूबेदार राजेंद्र प्रसाद शहीद हो गए। उस समय किए वादे को दोस्तों ने निभाया और पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे थे।