डॉ. उरुक्रम शर्मा
त्रिपुुरा, नागालैंड और मेघालय राज्य के चुनाव परिणाम ने मोदी तेरा कमल खिलेगा का नारा चरितार्थ कर दिया। त्रिपुरा और नागालैंड में तो भाजपा स्पष्ट बहुमत की ओर है, जबकि मेघालय में त्रिशंकु की स्थिति बनी है। यानी तोड़ फोड़ की सरकार। मध्यप्रदेश, कर्नाटक आदि के उदाहरण देखें तो माना जा रहा है कि मेघालय में भाजपा गठबंधन की सरकार बन जाएगी। एनपीपी सबसे बड़ा दल है और पिछली विधानसभा में भाजपा इसके साथ सरकार में थी। कमोबेश स्थिति इस बार भी ऐसी ही नजर आ रही है।
कांग्रेस को तीनों राज्यों में जबरदस्त निराशा का सामना करना पड़ा है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को असर तीनों राज्यों में देखने को नहीं मिला। भाजपा के लिए इस साल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले चुनाव को देखते हुए यह परिणाम ऊर्जा देने वाले साबित होंगे। वहीं कांग्रेस के लिए राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार रिपीट करना बड़ी चुनौती होगा।
तीनों राज्यों में मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तिगड़ी ने प्रभावी भूमिका निभाई, जबकि विपक्ष पूरी तरह बिखरा रहा। कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेता चुनाव की जगह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का हिस्सा बने रहे। स्थानीय पार्टियों ने भाजपा को टक्कर देने की कोशिश की, लेकिन मेघालय को छोड़कर कहीं असर नहीं छोड़ पाई।
पूर्वोत्तर राज्यों के परिणामों ने यह भी साबित कर दिया कि नरेन्द्र मोदी अब हिन्दुस्तान के प्रत्येक प्रांत के लोकप्रिय नेता हैं। मोदी पर लोगों का भरोसा है और 2014 से लेकर अब तक मोदी ने जो कहा, वो करके दिखाया। इससे लोगों में उनके प्रति विश्वास बढ़ा है। जिस काम का शिलान्यास किया, नियत समय में उसका उद्घाटन करके साबित भी किया।
मोदी को आधी आबादी का भी पूरा साथ मिल रहा है। एक दौर था, जब पति जिसे कहता था, पत्नी उसे ही वोट देती थी। विशेषकर ग्रामीण अंचल में। महिलाओं के लिए उज्जवला योजना, इज्जत घर, मुफ्त राशन, महिलाओं के खाते में मकान बनाने के लिए सीधे राशि पहुंचने का साथ अन्य योजनाओं के पैसे भी सीधे पात्र के खाते में जमा कराने की योजनाएं स्कीम असरकार रही।
भाजपा को जहां शहरी पार्टी बताकर प्रचारित किया जाता था, वो धारणा भी लगातार राज्यों में मिल रही जीत व बढ़ते वोटिंग प्रतिशत से दूर हो गई। विपक्ष लगातार मोदी पर हमलावर रहा। नेगेटिव पब्लिसिटी का विपक्ष को नुकसान रहा और भाजपा को फायदा मिला। 2014 से लेकर अब तक के लोकसभा और विधानसभा चुनाव परिणाम में नरेन्द्र मोदी को लेकर जितनी छिछलीदार टिप्पणियां की गई, उसका सीधा फायदा भाजपा के खाते में गया। हाल ही गुजरात विधानसभा चुनाव में जिस तरह की अभद्र टिप्पणियां की गई, नेगेटिव कैंपेन चलाए, उसका विपक्ष को लाभ नहीं मिला और भाजपा को स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने का तोहफा दे दिया।