ब्रिटेन में भारतीय छात्रों के साथ अंग्रेजी शासन की तरह नस्ल भेद का व्यवहार किया गया है। ब्रिटेन के माॅन्टफोर्ट यूनिवर्सिटी में कई भारतीय छात्रों को एक साथ फेल कर दिया गया है। यहां से एम टेक कर रहे भारतीय छात्रों के साथ ये काम किया गया है। इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी में फीस के 15 करोड़ रुपये भी जमा किये हैं। इसके लिए छात्रों ने सीएमए से शिकायत भी की। मामले के सामने आते ही यूनिवर्सिटी के इस कदम की काफी आलोचना हो रही है।
छात्रों का आरोप है कि सभी भारतीय मूल के छात्रों के साथ ऐसा किया गया है। यहां काॅपी की जांच करने वाले सभी अंग्रेजी मूल के थे। यह यूनिवर्सिटी लेस्टर में है, जहां एमटेक कर रहे करीब 150 भारतीय छात्रों के साथ यह हुआ है। इन छात्रों को एक पेपर में फेल किया गया है। यह सिर्फ अश्वेत छात्रों के साथ ही किया गया है। इस कोर्स में कुल 200 छात्र थे। जिनमें 50 श्वेत छात्र पास कर दिये गए हैं और अन्य छात्र फेल किये गये हैं।
मामले में यह भी आरोप है कि कॉपी जांचने वाले अंग्रेज थे और उन्होंने गुस्सा उतारने के लिए ऐसा किया है। यहां छात्रों के एक पेपर को ही खत्म कर दूसरे पेपर में मिलाया गया है। यही नहीं फेल होने वाले छात्र यह पेपर दोबारा नहीं दे पाएंगे।
छात्रो को फेल होने का डर भी सता रहा है। सभी छात्र भारत से ब्रिटेन आकर ये कोर्स कर रहे थे। जहां यूनिवर्सिटी ने इस पेपर को पहले वैकल्पिक बताया गया था। जो अब अनिवार्य बताया है।