जयपुर। अलवर स्थित Sariska Tiger Reserve का Tiger ST 2303 अब हरियाणा पहुंच चुका है। इस वजह से आसपास के क्षेत्रों के लोग काफी अधिक दहशत में आ गए हैं। आपको बता दें कि पिछले 7 महीने में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब यह युवा बाघ हरियाणा पहुंचा है। इतना ही नहीं बल्कि Tiger ST 2303 अब तक 6 से अधिक लोगों पर हमला कर चुका है। इस कारण अब बच्चों ने भी स्कूल जाना छोड़ दिया है साथ ही गांववालों ने अपने मवेशियों को अंदर बंद कर लिया है।
पीछा कर रही Sariska Tiger Reserve की टीम
Sariska Tiger Reserve की टीम और इस खतरनाक बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए लगातार उसका पीछा कर रही है। परंतु इस बाघ का अभी तक कुछ पता नहीं चला है, क्योंकि वह दिन के समय छुप रहता है और रात को दौड़ता है।
यह भी पढ़ें : सरिस्का से क्यों बार-बार बाहर आकर लोगों पर अटैक कर रहा Tiger ST-2303, जानिए
हरियाणा की सीमा पर मिले फुटप्रिंट
Sariska Tiger Reserve से भागे बाघ को लेकर सरिस्का के रेंजर शंकर सिंह ने कहा है कि उसके फुटप्रिंट हरियाणा सीमा के झाबुआ गांव के जंगल में मिले हैं। यह जंगल साबी नदी के पास में स्थित है। इससे पता चला है कि अब यह बाघ हरियाणा की सीमा में घुस चुका है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को Tiger ST 2303 सरिस्का से निकला था। यह बाघ पहले मुंडावर के दरबारपुर गांव पहुंचा और फिर उसके बाद रात को हरियाणा पहुंच गया। यह बाघ 7 पहले भी बाघ हरियाणा पहुचं गया था, लेकिन उस समय यह अलग रूट से गया था।
काफी तेज रफ्तार से दौड़ रहा बाघ
Sariska Tiger Reserve से भागे बाघ को लेकर जयपुर से गए डॉक्टर अरविंद माथुर ने कहा कि उसकी ट्रैकिंग की जा रही है। यह युवा बाघ रात के समय चल रहा है और दिन में फसलों के बीच में छुप जाता है। इसकी रफ्तार भी काफी तेज है। यह अभी अपने आपको कंफर्टेबल स्थिति में नहीं कर पा रहा है। एनटीसीए की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है कि कंफर्टेबल स्थिति में आने के बाद ही इस बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जाए। इस वजह से उसें तभी ट्रेंकुलाइज तभी किया जाएगा जब वो पूरी तरह से कंफर्टेबल महसूस करेगा।
लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल से जुड़ें।