इस दरगाह में जन्माष्टमी मेला लगता है।

इस दरगाह में जन्माष्टमी मेला लगता है।

इसें नरहड़ दरगाह कहा जाता है।

यह नरहड़ पीर बाबा की दरगाह है

जन्माष्टमी पर यहां 3 दिन मेला लगता है।

इस मेले में हिन्दू-मुस्लिम दोनों आते हैं।

नरहड़ पीर बाबा सैयद अलाउद्दीन अहमद हैं।

नरहड़ बाबा प्रसिद्ध सूफी संत हुए थे।

नरहड़ बाबा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के शिष्य थे।

यहां जोध राजपूतों और लोधी खां में युद्ध हुआ था।