जयपुर। पूर्व मूख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने राजनीतिक जीवन को लेकर कहा जब में राजनीति में आई तब मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा। जो संघर्ष तब किया था वहीं संघर्ष आज भी जारी हैं। वसुंधरा राजे ने कहा यदि मैं डरकर उस वक्त घर बैठ जाती तो आज यहां तक नहीं पहुंच पाती। दरअसल वसुंधरा राजे इनाया फाउंडेशन के कार्यक्रम में पहुंची इस दौरान राजे ने मंच को संबोधित करते हुए अपने राजनीतिक संघर्ष के बारे में बताया।
इनाया फाउंडेशन की और से वूमन ऑफ वंडर अवार्ड 2023 का अयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा बड़े पदों पर पहुंचने के लिए सभी को संघर्ष करना पड़ता हैं। जो कि आप लोगों ने किया हैं। इस दौरान वसुंधरा ने कहा जब मैं पहली बार राजनीति में आई थी तब मुझे भी संघर्ष करना पड़ा था। जब पहली बार सीएम बनी तो लोगों ने कहा क्या करोगी तुम। यह प्रदेश पुरूष प्रधान प्रदेश हैं। मेरी ताकत प्रदेश की महिलाएं बनी आज प्रदेश की महिलाओं के कारण ही मैं यहां खडी हूं।
इस दौरान राजे ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा भारत का संविधान सबसे बड़ा संविधान हैं। हमारे देश में महिलाओं को पुरूषों के बराबर अधिकार दिया गया हैं, लेकिन इन सब के बाद भी आज महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही हैं। आज भी महिलाओं के जीवन से जुड़े फैसले पुरूष ही लेते हैं। वसुंधरा राजे ने कहा आज महिलाएं कहा से कहा पहुंच चुकिं हैं, लेकिन वास्तव में यह महिलाओं की आबादी का अंश मात्र भी नहीं हैं। आज महिलाओं के प्रतिनिधित्व का लोकसभा, राज्यसभा तथा राजस्थान की विधानसभा में जो प्रतिशत हैं वो बेहद कम हैं। आज समाज का संतुलन महिला तथा पुरूष दोनों पर टिका हुआ हैं।