जयपुर। राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 3 नए संभाग और 17 जिले बनाए थे। बीते कई सालों से नए जिले की मांग चल रही थी लेकिन एकसाथ 17 नए जिले बनाने से विपक्ष में रही भाजपा ने कई सवाल उठाए थे। इसपर भाजपा नेताओं का मानना है कि राजनैतिक फायदा उठाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने (Ashok Gahlot) नए जिले बनाए थे। इनमें कई तो जिला होने का मापदंड भी पूरा नहीं करते है। हालांकि राजस्थान में सत्ता बदलने के बाद बीजेपी ने नए जिलों की समीक्षा को लेकर पूर्व आईएएस ललित के. पवार के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया। कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर ली है लेकिन रिपोर्ट मिलने के बाद भी राज्य सरकार जिलों की संख्या में छेड़छाड नहीं कर सकेगी।
इस वजह से हुई जिलों की प्रशासनिक सीमाएं हो चुकी सील
सितंबर महीने से देश में जनगणना की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इससे पूर्व, जनगणना निदेशालय ने सभी जिलों, तहसीलों और स्थानीय निकायों की प्रशासनिक सीमाओं को सील कर दिया है। इस आदेश के मुताबिक, सभी राज्यों, जिलों और अन्य प्रशासनिक क्षेत्रों की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है। इस स्थिति में जनगणना कार्य पूरा होने से पहले किसी भी जिला, तहसील या स्थानीय निकाय की प्रशासनिक सीमाओं में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। इसका मतलब है कि राज्य सरकारें न तो नए जिले, तहसील और स्थानीय निकाय बना सकती हैं, और न ही मौजूदा जिले, तहसील या निकायों को समाप्त कर सकती हैं। प्रशासनिक सीमाओं को सील करने का यह आदेश 1 जुलाई 2024 को जारी किया गया था।
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सरकार ने पत्र लिखकर परिवर्तन करने की अनुमति मांगी
बता दें कि भजनलाल सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाने गए जिलों की समीक्षा के लिए पूर्व आईएएस ललित के.पंवार की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कमेटी की इन जिलों को लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुकी है। कहा जा रहा है कि 30 अगस्त को यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जायेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) को समीक्षा रिपोर्ट तो मिल जाएगी, मगर राज्य सरकार जिलों की संख्या को कम नहीं कर सकेंगी, क्योंकि राज्य की सभी जिलों, तहसीलों और स्थानीय निकायों की प्रसाासनिक सीमाएं सील है। राज्य सरकार की तरह से जनगणना निदेशालय को लेटर लिखकर प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव की अनुमति मांगी है। हालांकि निदेशालय ने यह लेटर भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनलर को भेज दिया है।
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