जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने तलाक की अर्जी लगाने के मामले में कहा तलाक की अर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर के जरिए भी अब पेश की जा सकती हैं। इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट की और से ऐसी अर्जी को अस्वीकार करने के आदेश को भी निरस्त कर दिया गया हैं। राजस्थान हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को आदेश देते हुए कहा तलाक की अर्जी का जल्द से जल्द निस्तारण करे। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कहा पक्षकार के व्यक्तिगत पेश नहीं होने पर सुनवाई में देरी नहीं की जाए।
राजस्थान हाई कोर्ट ने तलाक के मामले में फैमिली कोर्ट को कहा फैमिली कोर्ट ऐसे मामलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी मामले की सुनवाई कर सकता हैं। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव तथा जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ के द्वारा यह आदेश जारी किए गए हैं। जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की और से एक पति के द्वारा लगाई गई याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश सुनाए गए हैं।
मामले की जानकारी देते हुए अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया की याचिकाकर्ता की ओर से आपसी सहमति के बाद तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। याचिकाकर्ता विदेश में रहता है जिसके कारण अपने भाई को उसने पावर ऑफ अटॉर्नी दी और उसके बाद आवेदन किया। जिसके बाद फैमिली कोर्ट ने इस मामले में पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर याचिका पेश होना बताकर याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई। जिसमे बताया गया की दोनों अपनी मर्जी से अलग होना चहाते हैं। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को इस मामले में जल्द सुनवाई कर निस्तारण के आदेश दिए हैं।