जयपुर। आज के समय में लगभग सभी राज्य सरकारों द्वारा मिड डे मिल योजना शुरू की हुई है. इसके तहत सभी प्राइमरी स्कूल के बच्चों को स्कूल में ही दोपहर में भोजन दिया जाता है. इसके लिए सरकार की तरफ से मेन्यू भी जारी किया है कि किस दिन बच्चों को क्या खाने के लिए दिये जाएंगे. लेकिन सरकार की इस योजना पर लापरवाही के आरोप लगते रहते हैं, किसी किसी स्कूल में मेन्यू के हिसाब से भोजन बच्चों को नहीं दिया जाता, लेकिन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को पोषण से युक्त भोजन दिया जाता है.
1 पढ़ाई के साथ खेती
रायगढ़ शहर से सटे कोरियादादर प्राथमिक शाला में पढ़ाई के साथ-साथ ऑर्गेनिक खेती भी की जाती है. यहां के शिक्षक न सिर्फ बच्चों को पढ़ाते-लिखाते हैं, बल्कि स्कूल परिसर में ही सब्जियां उगाकर मिड डे मील में छात्र-छात्राओं को ताजा और बिना खाद के शुद्ध सब्जियां उपलब्ध करा रहे हैं. इससे बच्चों को स्वास्थ्यवर्धक सब्जियां खाने में मिल रही हैं.
2 स्कूल में सब्जियों की खेती
रायगढ़ जिले का कोरियादादार शासकीय प्राथमिक शाला दूसरे विद्यालयों के लिए मिसाल बनकर उभरा है. यहां के हेड मास्टर सुशील कुमार गुप्ता ने बताया कि करीब 12 वर्ष से स्कूल परिसर में सब्जियों की ऑर्गेनिक खेती की जा रही है. शुरुआत में जब उन्होंने देखा कि मध्याह्न भोजन में बच्चों को बाजार से खरीदी हुई बासी और केमिकल युक्त सब्जियां देनी पड़ रही हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
3 टीचर कर रहे कमाल
कोरियादादर गांव रायगढ़ शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां के प्राथमिक शाला में पहली से लेकर 5वीं तक के 100 बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल में 2 महिला टीचर और एक हेड मास्टर हैं.
4. उगाते हैं ये सब्जियां
इस स्कूल के हेड मास्टर सुशील कुमार गुप्ता ने का कहना है कि 12 साल से स्कूल की शिक्षिकाओं, स्थानीय ग्रामीण और कृषि विशेषज्ञों के मार्गदर्शन एवं सहयोग से स्कूल परिसर में हरी सब्जियों की खेती की जा रही है. उन्होंने बताया कि स्कूल परिसर में हर तरह की सब्जी जैसे बैंगन, मखाना, टमाटर, बरबट्टी, सेमी, पत्ता गोभी, फूलगोभी के अलावा सीजन के हिसाब से सब्जियां उगाई जाती हैं. अभी वर्तमान में यहां मखाना, लौकी, सेमी, टमाटर, बैंगन, पत्ता गोभी और गाजर लगाया गया है.