Divya Maderna appointed Co-Incharge of Jammu Kashmir :जयपुर : कांग्रेस ने राजस्थान में 2024 के उपचुनावों से पहले अपने संगठन में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। पार्टी ने राजस्थान की देज तर्रार नेता ओसिया से पूर्व निधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने का जिम्मा सौपा है। दिव्या मदेरणा को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। दिव्या मदेरणा अपने तीखे तेवरों के लिए जानी जाती हैं, राजस्थान की राजनीति में उनका खूब दबदबा है, राजस्थान की सियासत में शेरनी के नाम से भी जानी जाती है। दिव्या मदेरणा के अलावा दानिश अबरार को राष्ट्रीय सचिव दिल्ली का सहप्रभारी बनाया गया है। वही धीरज गुर्जर को पहले की तरह ही उत्तर प्रदेश के सहप्रभारी और राष्ट्रीय सचिव के पद पर बनाए रखा गया है।
आलाकमान का जताया आभार
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जिम्मेदारी मिलने पर दिव्या मदेरणा ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को धन्यवाद किया. उन्होंने एक पोस्ट करते हुए लिखा आपने मुझे AICC सचिव एवं जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख का संयुक्त प्रभारी नियुक्त किया है. मेरे दादाजी श्री परसराम जी मदेरणा और पिताजी श्री महिपाल मदेरणा ने मुझे संगठन के प्रति अटूट निष्ठा और सेवा भाव की विरासत दी है. उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए, मैं इस दायित्व को पूरी तन्मयता, कुशलता के साथ निभाऊंगी. साथ ही मैं पार्टी के सिद्धांतों और मूल्यों के अनुरूप, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कांग्रेस को और अधिक मजबूत करने के लिए अथक प्रयास करूंगी
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अशोक गहलोत की धुर विरोधी मानी जाती है दिव्या मदेरणा
दिव्या मदेरणा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की धुर विरोधी मानी जाती हैं, राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दिव्या मदेरणा का परिवार भले ही कहता रहा हो कि वह आलाकमान के साथ है किसी भी गुट में शामिल नहीं है लेकिन दिव्य मदेरणा अपने दादा के मुख्यमंत्री नहीं बनने का मुख्य कारण पूर्व सीएम अशोह गहलोत को ही मानती है। दिव्या ने खुलकर अशोक गहलोत की आलोचना नहीं की लेकिन मदेरणा परिवार से ही गहलोत को चुनौती मिलती रही है।
26 साल की उम्र में जीत चुकी है जिला परिषद का चुनाव
कांग्रेस नेता महिपाल मदेरणा की बेटी है। उसके दादा परसराम मदेरणा जो राजस्थान विधानसभा में कैबिनेट मंत्री रह चुके है। दिव्या ने 26 वर्ष की आयु में जोधपुर के ओसियां में जिला परिषद चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। 2018 में कांग्रेस के टिकट पर ओसियां से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत तर्ज की, हालांकि 2023 राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के भेरा राम चौधरी के सामने हार गई थी।
जम्मू-कश्मीर में 24 सीटों पर होने है चुनाव
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होने है। राज्य में पहले चरण के मतदान के तहत 18 सितंबर को 24 सीटों पर चुनाव होना है, वहीं दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण के तहत एक अक्टूबर को 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. मतगणना 4 अक्टूबर को होनी है।
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