हरियाणा के मेवात-नूंह में भड़की हिंसा कब दो समुदायों में झगड़े का कारण बन गई पता ही नहीं चला। 31 जुलाई को बृजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद घटना ने हिंसक रूप ले लिया। धीरे-धीरे हिंसा की आग नूंह से फरीदाबाद-गुरुग्राम तक फैल गई। दंगों के बाद अब पुलिस एक्टिव हुई है और दंगाइयों पर बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने इनके अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया है।
रोहिंग्या भी हिंसा में शामिल
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि रोहिंग्या भी इस हिंसा में शामिल थे। पुलिस ने रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों पर एक्शन लेते हुए उनके अवैध कब्जों पर बुलडोजर चलाया है। खबरों के मुताबिक रोहिंग्याओं ने शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा किया हुआ था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गुरुवार शाम को बुलडोजर चलाया। इस हिंसा में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। शुक्रवार को प्रशासन ने तावडू इलाके में 200 से भी अधिक झुग्गी-झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाया है।
हरियाणा के नूंह जिले के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला का तबादला कर दिया गया है। इस सांप्रदायिक हिंसा के दौरान वो छुट्टी पर थे। सिंगला को अब भिवानी का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं सिंगला की जगह नूंह में अब आईपीएस नरेंद्र बिजारणिया को एसपी नियुक्त किया है। बिजारणिया पहले भिवानी के SP थे और साथ में ADG के OSD की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे।
186 लोग अब तक गिरफ्तार
इस हिंसा में शामिल अब तक 186 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं 78 लोग हिरासत में ले लिए गए हैं। राज्य में पुलिस ने इस हिंसा के तहत 93 केस दर्ज किए हैं। इसके अलावा नूंह में 46, गुरुग्राम में 23, पलवल में 18 और रेवाड़ी-फरीदाबाद में 3-3 FIR दर्ज हुई हैं।