Bangladesh National Anthem : बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद कई बड़े बदलाव किए गए है। अब जमात-ए-इस्लामी पार्टी के पूर्व प्रमुख के बेटे अब्दुल्लाह अमान आजमी (Abdullah Aman Azmi) ने देश के राष्ट्रगीत को बदलने की मांग की है। आजमी ने रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित ‘आमार सोनार बांग्ला’ को बदलने का प्रस्ताव रखा है, उनका कहना है कि भारत ने इसे 1971 में बांग्लादेश पर थोपा था। इसके बाद बांग्लादेश के नए राष्ट्रगान को लेकर विवाद उठ गया है। सत्ता में आई नई अंतरिम सरकार ने भी इसपर बयान दिया है।
राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव की मांग की
बांग्लादेश की कट्टरपंथी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी के पूर्व प्रमुख गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाह अमान आजमी ने देश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव की मांग की है। उन्होंने कहा, “मैं राष्ट्रगान के मामले को इस सरकार पर छोड़ता हूं। हमारा वर्तमान राष्ट्रगान हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरीत है।”
बांग्लादेश पर थोपा गया : आजमी
अब्दुल्लाह अमान आजमी ने कहा, “यह राष्ट्रगान बंगाल के विभाजन और दो बंगालों के विलय को दर्शाता है। एक संयुक्त बंगाल के लिए बनाया गया राष्ट्रगान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान कैसे हो सकता है?” आजमी यहीं नहीं रूके। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ने बांग्लादेश पर यह राष्ट्रगान थोपा था। उनके मुताबिक, सरकार को एक नया राष्ट्रगान चुनने के लिए एक आयोग गठित करना चाहिए। आजमी के बयान के बाद ही बांग्लादेश में विरोध शुरु हो गया है।
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बांग्लादेश सरकार का बयान, राष्ट्रगान बदलने कोई इराधा नहीं
राष्ट्रगान बदलने का विरोध बढ़ने पर सत्ता में आई नई अतंरिम सरकार को बयान जारी करना पड़ा है। बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के सलाहकार ए.एफ.एम. खालिद हुसैन ने शनिवार को स्पष्ट किया कि देश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है। हुसैन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “अंतरिम सरकार कोई ऐसा कदम नहीं उठाएगी जिससे विवाद उत्पन्न हो।” इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय नागरिकों और मदरसे के छात्रों को दुर्गा पूजा के दौरान किसी भी हमले या तोड़फोड़ से मंदिरों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा।
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