जयपुर। 56 Inch Ka Seena : हाल ही में अमेरिका की यात्रा पर गए राहुल गांधी (Rahul Gandhi Congress) ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद बहुत कुछ बदल गया है। उन्हें अब डर नहीं लगता और डर निकल गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर फैलाया, छोटे व्यवसायियों पर एजेंसियों पर दबाव बनाया, सब कुछ सेकंड में गायब हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि यह डर फैलाने में सालों लग गए लेकिन यह कुछ सेकेंड में गायब हो गया। राहुल ने कहा कि संसद में मैं पीएम को सामने देखता हूं। मैं बता सकता हूं मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, ये सब अब खत्म हो चुका है और इतिहास बन चुका है।
सुपरहिट हुआ था 56 इंच सीना वाला नारा
कई बार ऐसा होता है कि राजनीतिक रैलियों में दिए गए नारे या शब्द अमर हो जाते हैं और वो बार-बार याद आते हैं। उनका असर कई सालों तक रहता है। ऐसा ही कुछ 56 इंच के सीने (56 Inch Ka Seena) के साथ भी हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस चुनावी नारे का बहुत दूर तक देखने को मिला और उनकी प्रचंड बहुत के साथ सरकार बनी।
मुलायम सिंह को जवाब था 56 Inch Ka Seena वाला नारा
दरअसल, नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब 2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। उस दौरान 23 जनवरी 2014 को जब वो गोरखपुर में एक रैली कर रहे थे तब उन्होंने अपने संबोधन में तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को जवाब दिया था। मुलायम सिंह ने वाराणसी में रैली के दौरान कहा था कि मैं नरेंद्र मोदी को यूपी को गुजरात नहीं बनाने दूंगा। उन्होंने गुजरात दंगों का नाम लिए बिना इशारों में यह बात कह दी थी।
यह भी पढ़ें : लूटेरों पर सीएम भजनलाल का बड़ा एक्शन, गरीब अब नहीं रहेगा भूखा, अमीरों की लगाएंगे वॉट
ये था पीएम मोदी के 56 इंच सीने का मतलब
मुलायम सिंह की इसी बात का जवाब गोरखपुर में नरेंद्र मोदी ने दिया और उन्होंने उस समय कहा कि नेताजी क्या आप उत्तर प्रदेश को गुजरात बनाने का अर्थ जानते हैं? इसका अर्थ है बिना कटौती के हर गांव और गली में 365 दिन 24 घंटे बिजली देना। लेकिन आप उत्तर प्रदेश को गुजरात नहीं बना सकते, क्योंकि ऐसा करने के लिए 56 इंच का सीना (56 Inch Ka Seena) चाहिए। बस फिर क्या था इसी शब्द ने जोर पकड़ लिया। इसके बाद भाजपा और उसके समर्थकों के लिए हर बात 56 इंच का डॉयलॉग बन गई। वहीं, विपक्ष के लिए यह तंज था। जैसे ही 29 जुलाई, 2020 को राफेल भारत आया तो इसका जोड़ भी 56 इंच से करने का ट्रेंड चल पड़ा। चीन के साथ विवाद, किसी मसले पर भारत की रैंकिंग में गिरावट या ऐसी ही और बातों पर तंज के लिए भी 56 इंच के सीने की बात आती रही है। हालांकि, 10 साल पहले यह 56 इंच शब्द राजनीति के शब्दकोश में आया था, लेकिन इसका यूज अब तक हो रहा है।
56 इंच सीना वाले डॉयलॉग ने बनाई पूर्ण बहुमत की सरकार
दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी ने गुजरात के विकास के साथ 56 इंच सीने (56 Inch Ka Seena) का तालमेल करके भाषण दिए थे जिनसें लोग प्रभावित हुए और सहमत भी हुए। इसी के चलते 1984 के बाद भारत में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने।
लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल से जुड़ें।