बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री को कौन नहीं जानता उन्हीं की तरह करौली बाबा का नाम भी इन दिनों लोगों में अपनी पहचान बना रहा है। लेकिन जनता उन्हें उनके धर्म प्रचार से नहीं उनके भक्तों के आरोपों के कारण जान रही है। हम सभी जानते हैं बाबा नाम जहां किसी के नाम के आगे जुड़ जाता है, वहां हजारों लोगों की आस्था भी उनके साथ जुड़ जाती है। जिसपर कुछ तो खरे उतरते हैं और कुछ किसी न किसी विवाद का शिकार हो जाते हैं। जो करौली बाबा के साथ भी हो रहा है।
कौन हैं करौली बाबा
यू पी के कानपुर में इन दिनों संतोष सिंह भदौरिया का नाम चर्चा में है। जो करौली बाबा के नाम से जाने जाते हैं। वे मूल रूप से उन्नाव के बाहर सगवर के रहने वाले हैं। वे पहचान में तब आए जब यूपी में महेन्द्र सिंह टिकैत का किसान आंदोलन चल रहा था। तब ही किसान यूनियन के नेता संतराम का मर्डर हो गया था। इसके बाद टिकैत ने उन्हें भदौरिया को कानपुर के सरसोल की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी। इस दौरान ही उनकी पुलिस से इनकी भिडंत भी हो गई। यहां से उन्होंने कुछ किसानों को पुलिस से छुड़ाया, इस पर पुलिस ने इनकों खूब पीट कर जेल भेज दिया। यहां इनपर गैंग्स्टर एक्ट भी लगा दिया गया। तभी से उनकी किस्मत ने पल्टी खाई और वे किसानों में खासे लोकप्रिय हो गए। इस दौरान उन्हें कोयला निगम का चेयरमैन भी बना दिया गया। जो पद बाद में उनसे ले भी लिया गया।
करोड़ों के हैं करौली बाबा
भदौरिया के एक परिजन ने करौली में एक जमीन खरीदी थी। जहां पहले शनि मंदिर और फिर करौली आश्रम की नींव रखी गई। जहां वे आयुर्वेद के जरिये मरीजों का इलाज करने का दावा करते थे। यहीं से वे मशहूर होने लगे और उनपर धन की वर्षा होने लगी। इस समय में ही उन्होंने आश्रम को 14 एकड़ में फैला लिया और करोड़ों का साम्राज्य बना लिया।
एक हवन ही हजारों का
करौली बाबा के आश्रम में हवन करवाने के लिए भक्तों को अच्छा खासा खर्चा करना पड़ता है। यहां एक हवन के लिए पचास हजार से लेकर एक लाख तक खर्च करने पड़ते हैं। यही नहीं हवन का हर सामान भी यहीं से खरीदना जरूरी है। वो भी हजारों का आता है और अपनी अर्जी लगाने के लिए भी 100 रुपये की रसीद कटवानी होती है।
मारपीट की नहीं है पहली घटना
इस आश्रम में हवन करवाने वाले पंडितों की एक बड़ी टीम भी बैठती है। जो हर समय कम से कम दो दर्जन हवन करवाते हैं। जिन्हें उनके बेटे देखते हैं। यहां कई बड़े नेता भी आते रहते हैं और ऐसे में आए दिन भक्तों के परिजनों के साथ यहां तैनात किए गए बाउंसर मारपीट कर देते हैं।