पानी के महत्व को बताने, जल संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1993 से हुई थी। हर साल इसे अलग-अलग थीम के साथ के साथ मनाया जाता है। मानव जीवन के लिए जल की आवश्यकता हर कदम पर है। मानव स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, उर्जा उत्पादन और कृषि कार्यों के लिए जल आवश्यक है। जल के बिना धरती के किसी भी प्राणी का जीवन संभव नहीं है। पानी के बिना ना केवल इंसान बल्कि पशु-पक्षियों का जीवन भी संकट में आ गया है।
पीने योग्य सतही जल की मात्रा केवल 1.16 प्रतिशत
धरती पर बहुत ही कम मात्रा में जल बचा है। इसमें भी मानव ने रसायनों का जहर घोल दिया है। राजस्थान में पीने योग्य सतही जल की मात्रा केवल 1.16 प्रतिशत ही है। जल एक सीमित संसाधन है। इसलिए हम इसका जितना सोच-समझकर उपयोग करेंगे उतना ही हमारे लिए फायदेमंद साबित होगा। बढ़ती जनसंख्या औऱ जागरूकता की कमी से लगातार जल उपलब्धता कम हो रही है। वर्तमान में उद्योगों के अपशिष्ट पदार्थों, खेतों में उपयोग होने वाले रासायनिक खादों और पेड़-पौधों की कमी से जल की लगातार कमी हो रही है।
ऐसे हुई जल दिवस की शुरुआत
सर्वप्रथम 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में जल दिवस मनाने पर चर्चा की गई। उस समय 22 मार्च को हर साल जल दिवस मनाए जाने की घोषणा हुई। इसके बाद सबसे पहले 1993 में 22 मार्च को पहला वाटर डे मनाया गया।
2023 की थीम
इस साल 2023 में विश्व जल दिवस की थीम है – “एक्सीलरेटिंग चेंज”- रखी गई है। इसका अर्थ है तेज़ी से परिवर्तन है। इस थीम को रखने का उद्देश्य यह है कि जल क्षेत्र में तेज़ी और तत्कालीनता के महत्व पर ज़ोर दिया जाए।
वर्तमान समय में भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। लेकिन भूजल स्तर को बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। पानी की अधिकतम पूर्ति भूजल से ही होती है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कुछ दिनों पहले जोधपुर में आयोजित एक सम्मान समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि भारत में पानी की 65 प्रतिशत जरूरत भूजल से होती है। भूजल को बचाए रखना बड़ी चुनौती है। उन्होनें कहा कि केंद्र सरकार की ओर से जो रिपोर्ट बनाई जाती है। उसमें हालात बहुत ही खराब है। इस सामरोह के दौरान उद्यमियों ने जोजरी नदी के जीर्णोद्धार का मुद्दा उठाया। शेखावत ने कहा कि 15वें फाइनेंस कमीशन से जोजरी के जीर्णोद्धार और संपूर्ण सौंदर्यीकरण के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट स्वीकृत किया है।