Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद और भी परेशान नजर आ रहे हैं। जिसे वे तिहाड़ जेल से सीएम नहीं राष्ट्रीय नेता के रूप में बाहर आने की बात कर समझा रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव 2024 में उनकी सियासी ताकत 100 गुना बढ़ी है या नहीं। सियासी गलियारों में तो यह भी चर्चा है कि दिल्ली सीएम हरियाणा में जब प्रचार करने जाएंगे।
विपक्ष के इंडिया ब्लॉक का हिस्सा
वे इंडिया ब्लॉक का हिस्सा बनकर कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ेगे। सीटों पर फिलहाल दोनों दलों में समझौता होना बाकी है। ऐसे में क्या उससे कांग्रेस को हानि और बीजेपी को फायदा होगा कहा नहीं जा सकता। दिल्ली और पंजाब में भी आप पार्टी कांग्रेस को पीछे कर सत्ता में आ चुकी है। जिसका काफी ज्यादा श्रेय अरविंद केजरीवाल को ही जाता है।
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बढ़ी या घटी ताकत
अरविंद केजरीवाल के साथ संजय सिंह, मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आ चुके। चुनाव के पहले इन धुरंधरों का बाहर होना आप के लिए किसी बूस्टर जैसा साबित हो रहा है। कयास तो यह भी है कि हरियाणा में आप अब सफलता हासिल कर सकती है। इस बीच, अरविंद केजरीवाल बाहर आने के बाद भी सीएम के काम करने में नाकाम रहेंगे। साल 2014 से 2024 तक हरियाणा के आम चुनाव और विधानसभा चुनावों में उसका वोट शेयर कुछ खास नहीं रहा। वहां न तो सांसदी के चुनाव में जीत मिली और न ही विधायकी के इलेक्शन में। बीते विस चुनावों में सारे उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हुई।
जेल से बाहर दिखाया जोश
तिहाड़ से बाहर आते ही केजरीवाल ने साफ किया, कि ये राष्ट्र विरोधी ताकतें जो देश को कमजोर कर, इसे बांटने की कोशिश में हैं। वे उनके साथ लड़ाई करेंगे। पहले भी वे उनके सामने खड़े थे और अब भी उनके आगे खड़े हैं। देश महत्वपूर्ण है, केजरीवाल नहीं। ईडी और सीबीआई निर्वाचन आयोग को कमजोर कर रही है। हमें इन राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ ही लड़ना है।
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